परेशान युवक ने सल्फास निगलकर दी जान; एजेंट पर केस दर्ज
पटियाला में एक 35 वर्षीय युवक ने इटली भेजने के नाम पर 20 लाख रुपये की ठगी से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। मृतक रफी मोहम्मद ने एजेंटों को पैसे दिए थे लेकिन वीजा नहीं मिला। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच कर रही है। रफी ने लोन लेकर पैसों का इंतजाम किया था।
05 जुलाई, 2025 – पटियाला : इटली भेजने के नाम पर ठगे गए 20 लाख रुपये और लगातार हो रही टालमटोल से तंग आकर एक 35 वर्षीय युवक ने जहरीली गोलियां निगल कर आत्महत्या कर ली। यह घटना सैदखेडी इलाके की है, जिसने इलाके में सोग की लहर है। मृतक की पहचान रफी मोहम्मद निवासी चौहान कालोनी, सैदखेडी के रूप में हुई है।
इस मामले में खेड़ी गंडिया थाना पुलिस ने मृतक के भाई नाजर खान के बयानों के आधार पर जतिंदर सिंह निवासी उधम सिंह कालोनी धमोली, हरिंदर सिंह, निवासी पीर कालोनी सैदखेड़ी, लखविंदर सिंह निवासी माछीवाड़ा, अमरीक सिंह निवासी फरीदकोट के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
दो साल से था वर्क परमिट का इंतजार
शिकायतकर्ता नाजर खान ने बताया कि उसके बड़े भाई रफी मोहम्मद ने दो साल पहले आरोपित एजेंटों से संपर्क किया था और उसे (नाजर खान) को वर्क परमिट पर इटली भेजने का सौदा 13 लाख रुपए में तय हुआ था।
रफी ने यह पूरी रकम आरोपित एजेंटों को दे दी थी, लेकिन उसके बाद से आरोपित उसे बहानेबाजी करते रहे। रफी के बार बार फोन करने पर आरोपितों ने उसे कहा कि उसका इटली का वीजा रिफ्यूज हो गया है। जिसके चलते वह अब उसे न्यूजीलैंड भेज सकते हैं।
जिसके सात लाख और लगेंगे। जिसके चलते रफी ने उन्हें सात लाख और दे दिए, लेकिन कहानी फिर वही रही। वीजा नहीं आया और बार-बार टालने और पैसे वापस ना मिलने के कारण रफी मोहम्मद मानसिक रूप से बेहद परेशान रहने लगा।
सल्फास निगलने के बाद अस्पताल में भर्ती
2 जुलाई को अत्यधिक तनाव के चलते रफी मोहम्मद ने सल्फास की गोलियां खा लीं। परिवार ने तुरंत उसे नजदीकी प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
जिसके बाद पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाना की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि जल्द ही आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी जाएगी।
लोन लेकर किया था पैसों का इंतजाम
नाजर खान ने बताया कि रफी ने पैसों का इंतजाम करने के लिए बैंक से 15 लाख रुपए का लोन लिया था, जिसमें से 13 लाख उसने पहले आरोपितों को दे दिए थे। जबकि पांच लाख का और इंतजाम रिश्तेदारों और दोस्तों से उधार लेकर किया था।
जब वीजा नहीं आया तो वह टेंशन में रहने लगा और पैसे न वापिस न मिलने और लौटाने में असमर्थ होकर आत्म हत्या करने के लिए मजबूर हो गया।
फिलहाल नाजर के परिवार में उसकी पत्नी और दो बच्चे (एक लड़का व एक लड़की) हैं। नाजर परिवार में अकेला कमाने वाला था और उसकी मौत के बाद परिवार का गुजारा भी मुश्किल हो गया है।
सौजन्य : दैनिक जागरण
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