छह घंटे बंद रही OPD, मरीज हुए परेशान
पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टरों ने मांगों को लेकर हड़ताल की जिससे ओपीडी सेवाएं बाधित रहीं और मरीजों को परेशानी हुई। डॉक्टरों ने फीस वृद्धि और कम स्टाइपेंड का विरोध किया। स्वास्थ्य सचिव ने सोमवार को डॉक्टरों को मीटिंग के लिए बुलाया है जिसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी। हड़ताल के चलते अस्पताल में एक्स-रे सिटी स्कैन और एमआरआई जैसी सुविधाएं भी बंद रहीं।
30 जून, 2025 – पटियाला : राजिंदरा अस्पताल के रेजिडेंट डाक्टरों द्वारा शनिवार छह घंटे तक ओपीडी सेवाओं को बंद रखा गया। इस दौरान अस्पताल में चेकअप कराने के लिए आने वाले मरीजों को बिना चेकअप कराए ही वापिस जाना पड़ा।
बता दें कि रेजिडेंट डाक्टरों द्वारा अपनी मांगे पूरी कराने को लेकर हड़ताल की गई। हड़ताल के दौरान अस्पताल में एक्सरे,सिटी स्केन, एमआरआई सहित विभिन्न सुविधाओं को बंद रखा गया। यहां तक के अस्पताल के सीनियर डाक्टर भी इस हड़ताल में शामिल रहे।
ओपीडी सेवाएं बंद होने के कारण लोगों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा। इस दौरान रेजिडेंट डाक्टरों ने ओपीडी के आगे धरना देकर सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। डाक्टरों की हड़ताल सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक जारी रही।
राजिंदरा अस्पताल में ओपीडी का समय ही सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक का है। डाक्टरों की हड़ताल में करीब चार सौ रेजिडेंट डाक्टर शामिल रहे। रेजिडेंट डाक्टरों द्वारा पूरा दिन अस्पताल व वार्डों में ड्यूटी तक नहीं दी। बता दें कि राजिंदरा अस्पताल में रोजाना एक हजार के करीब ओपीडी है। उधर हड़ताल का सूचना मिलते की सेक्रेटरी हेल्थ द्वारा द्वारा हड़ताल पर चल रहे डाक्टरों को मीटिंग के लिए सोमवार का दिन तय कर दिया गया।
सोमवार को भी ओपीडी सेवाएं बंद रखेंगे
रैजीडेंट डाक्टर एसोसिएशन के प्रधान डा.रमनदीप सिंह व प्रवक्ता मेहताब सिंह ने कहा कि एसोसिएशन लंबे समय से सरकार से मेडिकल कालेजो में में एमबीबीएस की फीस कम करने की मांग कर रही थी। पर सरकार ने फीस कम करने की जगह कुछ दिन पहले फीस में बढ़ौतरी कर दी।
उन्होंने कहा कि पहले फीस साढे सात लाख के करीब थी, अब सरकार द्वारा दस लाख कर दी गई। इसके अलावा एमबीबीएस इंटरन व एमडी और एमएस रैजीडेंटस के लिए पंजाब में दिया जाने वाला स्टिपैंड सबसे कम है। महंगाई दिन प्रीत दिन बढ़ती जा रही है।
उन्होंने कहा कि एसोसिएशन द्वारा लंबे समय से सरकार के पास अलग-अलग ढंग से मांगे रखी गई थी, पर सरकार ने कोई उचित कदम न उठाया। जिसके चलते एसोसिएशन को संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ा। हड़ताल की सूचना मिलते ही सैक्रेटरी हेल्थ ने सोमवार को एसोसिएशन को मीटिंग का समय दिया है।
उन्होंने कहा कि सोमवार को भी ओपीडी सेवाओं को बंद रखा जाएगा। मीटिंग में होने वाले फैसले के बाद संघर्ष की अगली रणनीति तैयार की जाएगी।
शनिवार को डाक्टर की ओपीडी होती है, दवा लेने के लिए आए थे, अस्पताल में पहुंचकर पता चला कि हड़ताल है और ओपीडी सेवाएं बंद है, मांगे पूरी कराने के लिए लोगों को क्यों परेशान किया जा रहा है। इतनी ज्यादा गर्मी में आना मुश्किल है। अस्पताल प्रशासन को हड़ताल की सूचना पब्लिक को देनी चाहिए, तांकि पब्लिक परेशान न होती।
– निरंजन सिंह, पब्लिक
हड़ताल करके लोगों को परेशान किया जा रहा है, पटियाला का हेल्थ मंत्री होने के बाद भी लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। या हो हड़ताल की पहले सूचना देते अगर नहीं दी तो ओपीडी सेवाओं को जारी रखा जाता। बड़ी मुश्किल से व पैसे खर्च करके अस्पताल में चेकअप कराने के लिए पहुंचा था, टेस्ट भी होने थे, पर ओपीडी बंद होने के कारण वापिस जाना पड़ रहा है, इस परेशानी का कौन जिम्मेदार है।
– सुरिंदर कौर,पब्लिक
सौजन्य : दैनिक जागरण
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