26 नवम्बर, 2025 – नई दिल्ली : अयोध्या में भगवान राम के मंदिर पर धर्म की ध्वजा का आरोहण कर दिया गया। इसके साथ ही राम मंदिर का निर्माण कार्य औपचारिक तौर पर संपन्न हो गया है। धर्म ध्वजारोहण के अवसर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने उसी ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना को अपनाने और उसे मजबूत करने की बात कही है जो भारतीय सभ्यता का प्राण तत्त्व रही है। मोहन भागवत ने कहा कि इस देश में लोग ऐसा जीवन जिएं जिससे पूरी दुनिया उससे प्रेरणा ले सके। इस तरह भागवत ने भारत के लोगों को विश्व गुरु की भूमिका में आने के लिए स्वयं को तैयार करने की अपील की है।
मोहन भागवत ने कहा कि हमारा जीवन इस तरह का होना चाहिए कि उससे दुनिया के सभी लोग जीवन चरित्र की शिक्षा लें। उन्होंने कहा कि हमें परम वैभव सम्पन्न, सबके लिए खुशी और शांति बांटने वाला और विकास का सुफल देने वाला भारतवर्ष खड़ा करना है। यही विश्व की हमसे अपेक्षा है और यही हमारा कर्तव्य है। भागवत का यह बयान इस अर्थ में महत्त्वपूर्ण है कि यदि भारत को संपूर्ण विश्व के मार्गदर्शन के लिए स्वयं को तैयार करना है तो उसे सबसे पहले अपने अंदर के किसी भी वर्ग-जाति भेद की दीवार को गिराना होगा। राम का मार्ग हर वर्ग, हर व्यक्ति को अपने साथ लेने से ही सफल हो सकता है।
राम मंदिर बनने पर हर्ष
राम मंदिर का निर्माण कार्य पूर्ण होने और धर्म ध्वजारोहण के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित सभी लोगों ने हर्ष व्यक्त किया। मोहन भागवत ने इसे सैकड़ों वर्षों की प्रतीक्षा का फल बताया। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के लिए संघर्ष करने वालों ने जिस तरह का मंदिर बनाने का सपना देखा होगा, यह मंदिर उससे अधिक भव्य और सुंदर बना है। यह अनगिनत लोगों के त्याग, बलिदान और प्रयासों का फल है। उन्होंने कहा कि यह हमारे हृदय में तप का सृजन करे यही कामना है।
धर्म का प्रतीक है भगवा
भगवा रंग को लेकर पिछले कुछ दिनों में भारत में गंभीर बहस हुई है। किसी ने इसे एक धर्म-संप्रदाय से जोड़कर बताने की कोशिश की है तो किसी ने इसे एक राजनीतिक दल विशेष की पहचान बताने की कोशिश की है, इसे दूसरे लोगों पर थोपने पर भी खूब बहस हुई है, लेकिन भागवत ने आज इसे रामराज्य का रंग बताया। उन्होंने कहा कि मंदिर पर वही रामराज्य का ध्वज फहराया गया है जो कभी अयोध्या में फहराता था। उन्होंने इसे संपूर्ण विश्व में सुख-शांति प्रदान करने वाला रंग बताया।
उन्होंने कहा कि ध्वज धर्म का प्रतीक होता है। इतना ऊंचा ध्वज चढ़ाने में समय लगा है। उन्होंने कहा कि इस मंदिर के रूप में हमने उन तत्वों को ऊपर पहुंचाया है जिनसे संपूर्ण विश्व का जीवन ठीक चलेगा। उसी धर्म का प्रतीक भगवा रंग इस धर्म ध्वज का रंग है। उन्होंने कहा कि यह ध्वज उसी तरह का संदेश दे रहे हैं जैसे कोई वृक्ष स्वयं धूप सहकर लोगों को फल देते हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह हमारा जीवन भी संपूर्ण विश्व के कल्याण के लिए समर्पित होना चाहिए।
अमर उजाला
Ayodhya Dhwajarohan Summary: धर्म ध्वजा लहराते ही खत्म हुआ बरसों का विरह
अयोध्या : Ayodhya: ”आज उस यज्ञ की पूर्णाहुति है, जिसकी अग्नि 500 वर्ष तक प्रज्वलित रही। जो यज्ञ एक पल भी आस्था से डिगा नहीं, एक पल भी विश्वास से टूटा नहीं।” …प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ये शब्द उस क्षण के महत्व को बता रहे हैं, जिसका हर किसी को बरसों से इंतजार था। जानिए मंगलवार को अयोध्या में क्या हुआ, कौन-सी ध्वजा लहराई, उसका महत्व क्या है और इस क्षण का साक्षी बनी प्रमुख हस्तियों ने क्या कहा…