शताब्दी वर्ष की तय होगी कार्ययोजना
04 जुलाई, 2025 – नई दिल्ली : बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले का मार्गदर्शन होगा। सभी 46 प्रांतों के कार्यों की समीक्षा के साथ ही सुझावों और बदलावों पर चर्चा की जाएगी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शुक्रवार से शुरू हो रही अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में इस साल विजया दशमी से शुरू हो रहे संघ के शताब्दी वर्ष की कार्ययोजना का तानाबाना बुना जाएगा। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि शताब्दी वर्ष की शुरुआत संघ मुख्यालय नागपुर में होगा। इस दौरान 21 दिनों तक देशव्यापी गृह संपर्क अभियान के तहत स्वयंसेवक घर-घर जा कर संघ के उद्देश्यों की जानकारी देंगे। हर शाखा में विजया दशमी का आयोजन होगा। पूरे देश में जिला स्तर पर सामाजिक सद्भाव बैठकों और राष्ट्र हिंदुत्व और सामाजिक विषयों पर नागरिक गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले का मार्गदर्शन होगा। सभी 46 प्रांतों के कार्यों की समीक्षा के साथ ही सुझावों और बदलावों पर चर्चा की जाएगी।
बैठक में अनुषांगिक संगठनों के संगठन मंत्रियों समेत 233 पदाधिकारी हिस्सा लेंगे। चूंकि इस बैठक का मुख्य विषय शताब्दी वर्ष है, इसलिए इससे जुड़े संभावित आयोजनों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। इस क्रम में खंड, बस्ती और मंडल स्तर पर हिंदू सम्मेलन होने हैं, ऐसे में इसकी भी रूपरेखा तैयार की जाएगी।
संघ प्रमुख का विशेष संवाद
बैठक में संघ प्रमुख के एक साल के प्रवास योजना को भी मंजूरी दी जाएगी। शताब्दी वर्ष होने के कारण इस बार प्रवास की विशेष योजना बनाई जाएगी। खासतौर पर संघ प्रमुख दिल्ली, बंगलुरू, मुंबई और कोलकाता में सार्वजनिक रूप से विशेष संवाद करेंगे।
जाति जनगणना का समर्थन
आंबेकर ने सरकार के जाति जनगणना कराने के निर्णय का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि संघ ने पहले ही स्पष्ट किया था कि अगर इसका उदेश्य लोककल्याण के लिए है तो यह उचित है। हालांकि इस क्रम में सामाजिक सद्भाव बना रहना चाहिए।
सौजन्य : अमर उजाला
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