स्वामी विशालानन्द जब समय का चक्र एक बार फिर भारत को विचार और संघर्ष के दोराहे पर खड़ा करता है, तब यह स्वाभाविक है कि हमारी आत्मा प्रश्न पूछती है—क्या हम सही दिशा में जा रहे हैं? क्या आज की नीतियाँ धर्मसंगत हैं? क्या युद्ध की आशंकाओं के बीच भी हम अपने मूल्यों से विचलित नहीं हो … [Read more...] about राष्ट्रधर्म – भारत के आत्मगौरव और आत्मचिंतन का संगम
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