सौरभ कपूर
आज पंजाब में पंजाब और पंजाबियत को बचाने वाला भी सुरक्षित नही है। ऐसा लगता है कि पंजाब विरोधी मानसिकता रखने वाले अब रंगला पंजाब नही चाहते। इनकी मंशा कुछ और नजर आती है। यह मंशा तब और ज्यादा बढ़ जाती है, जब पंजाब सरकार कानून व्यवस्था के नाम पर अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर घूमती हुई प्रतीत होती है। पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर अराजकता हर दिन नए रूप में दिखती है। शुरू में यह पंजाब में टोल बंद करने की गुंडागर्दी को लेकर, कभी उद्योगपति घरानों पर हमले करवा कर, कभी टावरों को तोड़कर, कभी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालयों पर हमले, कभी जनप्रतिनिधि को निर्वस्त्र कर देने के रूप में और अब यह बीते दिन समाज सेवकों पर हमला करने के रूप में दिखाई दे रही है।
प्रदेश की कैप्टन सरकार प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर व्यवस्था ठीक करने में पूरी तरह फेल साबित हुई। आज प्रदेश में अराजकता और हिंसा का प्रदेश की कैप्टन सरकार की सहमति से बोलबाला है। इसका ताजा उदाहरण राम गोपाल जी पर अराजक तत्वों द्वारा हमला करना हम सब के सामने है। फिरोजपुर के नजदीक मलान्वाला गांव में हरियावल पंजाब के प्रांत संयोजक व समाजसेवी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक राम गोपाल जी पर हमले से एक बार फिर साबित हो गया है कि पंजाब में कानून नाम की कोई चीज नहीं है। पर आखिर कब तक हर हमले को हम अति निंदनीय घटना कहकर संबोधित करते रहेंगे ?
पंजाब के दुश्मन, कुछ शरारती लोग पंजाब को एक बार फिर अंधेरे में लेकर जाना चाहते हैं। हम सबको ऐसे बुरी ताकतों का मुकाबला करने के लिए अब आगे आना होगा। आज पंजाब में अराजकता के कारण कोई भी सुरक्षित नहीं है – ना कोई नेता, ना समाज सेवी, ना पब्लिक। इस निंदनीय कृत्य से पंजाब का माहौल खराब करने की साजिश की जा रही है। किसानो के नाम पर कुछ उपदर्वी लोग, अपनी सस्ती सियासत चमकाने के चक्कर में किसानी आंदोलन को बदनाम कर रहे है। यह उपदर्वी लोग अपनी खुंदक निकलने के लिए भी यही घटिया हरकते कर रहे है। हमको ऐसे लोगो को पहचानना होगा और बेनकाब करना होगा।
केमिकल मुक्त कृषि के लिए, पानी बचाओ अभियान के लिए, प्लास्टिक भगाओ अभियान के लिए जाने जाने वाले व हर समय सेवारत व त्यागी समाज सेवी पर हमला ठीक नहीं है। जनता को यह बात बार-बार सोचनी चाहिए कि भूमि सुपोषण, पंजाबियों के भविष्य के लिए पंजाब को हरा भरा करने के लिए हरियावल योगी, हरियावल पंजाब के लिए प्रेरित करने वालों पर हमला करने वाले किसान कैसे हो सकते हैं? मेरे को जब इस घटना का पता लगा तो एक बार फिर मन दुखदाई और आक्रोशित हो गया की जो व्यक्ति प्रकृति की सेवा के लिए कई सालों से दिन रात एक कर पंजाब के लिए कार्य कर रहे हैं, ऐसी शख्सियत पर हमला क्यों?
“सा धरत पई हरियावली
जिथे मेरा सतगुरु बैठा आये ”
गुरु नानक देव जी की बाणी को चरितार्थ करने के लिए निकले व्यक्ति पर वहीं लोग हमला कर सकते हैं, जो गुरु नानक देव जी की बाणी को चरितार्थ होते नहीं देखना चाहते। गुरु नानक देव जी के 550 वे प्रकाश पर्व पर 184 पौधे , जिसका योग 13 होता है। लगातार तीन साल पंजाब के हर जिले के हर गांव और मोहल्ले में लगवाने की कोशिश करने वाले समाज सेवक के दुश्मन को पंजाबी कभी भी नहीं कहा जा सकता। पर हमला करने वालों ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि यह लोग पंजाब के हितेषी नहीं हो सकते। आखिर कौन है यह लोग जो किसानी जामा पहन कर पंजाब पंजाबी और पंजाबियत को नुकसान पहुंचा रहे हैं। यह किसानों के भेष में कुछ राजनीतिक पार्टियों के गुंडे हैं या पंजाब सरकार के सरकारी गुंडे हैं। ऐसा लग रहा है कि पंजाब में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है, गुंडागर्दी का सिर्फ नंगा नाच हो रहा है। पंजाब में अराजक तत्व बेखौफ और खुलेआम गुंडागर्दी कर रहे हैं। पंजाब में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार सिर्फ नाम की ही रह गई है।
बार बार हमलों से, कृत्यों ने लगता है कि पंजाब अब बंगाल की राह पर चल पड़ा है? जिस तरह के हालात बन रहे है ऐसा लग रहा है कि पंजाब में धर्म परिवर्तन, वामपंथी चंगुल में फँसते लोग और विशेष रूप से जाति पंथ में फैलती जा रही नफरत और इंडस्ट्रीयलिस्ट के विरुद्ध माहौल दिखाई देता है।
ऐसा ही कुछ वर्षों पूर्व बंगाल में शुरू हुआ था परिणाम इंडस्ट्रीज पलायन कर गई। बेरोजगार बढ़ते गए और देश विरोधी ताकते बढ़ती गई। पंजाब के आसार कुछ उसी तरफ इशारा कर रहे नजर आते है। देश में सबसे समपन्न राज्य अधोगति की ओर बढ़ने के कगार पर खड़ा है ।
हरियावल योगी रामगोपाल पर हमले में कुछ षडयंत्र की बदबू तो जरूर आ रही है क्योंकि वाइ प्लस सिक्योरिटी के बावजूद इस तरह का हमला कर दहशत का माहौल बनाया जा रहा है, न्यायिक जांच की तो जरूर जरूरत है इसमें। नहीं, पर अब पंजाब को जगदीश गगनेजा जी जैसे समाजसेवी बार-बार कुर्बान नहीं करवाने हैं। ना ही पंजाब में विरोधी ताकतों को पलने देना है। पंजाब की जनता सिर्फ पंजाब का पंजाबियत का ध्यान रखने वालों का भला चाहती है। पंजाब के लोगों को पंजाब का माहौल ठीक रखने के लिए एकजुट होना ही पड़ेगा। ये कायराना हमला जरूर है, लेकिन हमारा विश्वास डगमगा नहींं सकते। हमने तो पहाडो से टकराना सिखा है। सहनशीलता को कमजोरी समझने वाले भ्रम में जी रहे हैं। पर समय बलवान है, इस तरह समाज सेवकों पर हमले की घटना भी पंजाब सरकार के ताबूत में आखिरी कील साबित होगी।
(लेखक , अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संभाग संगठन मंत्री है)
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