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पटियाला हिंसा: पंजाब में कौन है जो आग से खेल रहा है?

May 2, 2022 By Guest Author

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पटियाला हिंसा: पंजाब में कौन है जो आग से खेल रहा है? ‘नास्त्रेदमस’ के राज में कैसे नाकाम हुआ इंटेलिजेंस?

जितेंद्र भारद्वाज

पटियाला हिंसा अराजकता की वो झलक है, जिसे पंजाब अगले 5 वर्षों तक देखेगा -  TFIPOST

पंजाब के एक पूर्व आईपीएस ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, पटियाला की घटना वैसी नहीं थी, जैसी देश के दूसरे क्षेत्रों में दो समुदायों के बीच देखने को मिलती है। यहां तो हिंदू-मुस्लिम जैसा भी कुछ नहीं था। पंजाब में हनुमान चालीसा या लाउडस्पीकर जैसा मुद्दा भी नहीं था। शिव सेना ने कई दिन पहले से ही बता रखा था कि वह खालिस्तान के खिलाफ मोर्चा निकालेगी…

पंजाब के पटियाला में हुई हिंसा को लेकर राजनीतिक दलों के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं। कई नेता तो इशारे में ही बड़ी बात कह रहे हैं। विपक्षी दलों का आरोप है कि पटियाला में हुई हिंसा के दौरान ‘इंटेलिजेंस’ पूरी तरह फेल रहा है। जब कई दिनों से ‘आग’ के साथ खेलने की आवाजें निकल रही थीं, तो उस वक्त उन्हें खामोश करने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाया गया। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, जिन्हें नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने, भविष्यवक्ता ‘नास्त्रेदमस’ बताया है, क्या उन्हें वाकई खालिस्तान समर्थकों से निपटने के लिए ‘फ्री हैंड’ नहीं मिला। हालांकि बाद में सीएम भगवंत मान ने कहा, यह दो समुदाय के बीच का झगड़ा नहीं था। ये तो दो राजनीतिक दलों का झगड़ा था। इसके लिए उन्होंने भाजपा और अकाली दल को जिम्मेदार ठहरा दिया। जो कोई भी इस घटना के पीछे है, वह बच नही सकेगा।

पंजाब के एक पूर्व आईपीएस ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, पटियाला की घटना वैसी नहीं थी, जैसी देश के दूसरे क्षेत्रों में दो समुदायों के बीच देखने को मिलती है। यहां तो हिंदू-मुस्लिम जैसा भी कुछ नहीं था। पंजाब में हनुमान चालीसा या लाउडस्पीकर जैसा मुद्दा भी नहीं था। शिव सेना ने कई दिन पहले से ही बता रखा था कि वह खालिस्तान के खिलाफ मोर्चा निकालेगी। जैसा देखने को मिल रहा है कि खालिस्तान विरोधी मार्च पर हिंदू और सिख संगठन आमने-सामने आ गए, वैसा नहीं रहा। ये एक सोची समझी साजिश थी। आईबी और स्टेट इंटेलिजेंस टीम या उनके मुखबिर पटियाला में मौजूद थे। इसके बावजूद तोड़फोड़ करने वाले तत्व अपनी साजिश को आगे बढ़ाने में कामयाब हो गए।

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कई दिनों से चल रहा था होमवर्क

पूर्व पुलिस अधिकारी के मुताबिक, जब घटना हो गई तो एसएसपी और आईजी को सस्पेंड किया जा रहा है। ये एक ऐसी घटना थी, जिसे बहुत आराम से रोका जा सकता था। यह एकाएक हुई घटना नहीं थी। कई दिन से होमवर्क चल रहा था, वह भी पुलिस-प्रशासन के सामने। कौन कहां पर एकत्रित हो रहा है, ये सब बातें पता थीं। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले अफसरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जरूरत है। केवल तबादलों से काम नहीं चलेगा। यहां पर सदियों से सिख और हिंदू, शांति एवं भाईचारे की भावना के साथ रहते आए हैं। पंजाब चुनाव के दौरान भी ‘खालिस्तान’ का नाम आया था। दिल्ली में किसान आंदोलन हुआ तो भी ‘खालिस्तान’ संगठन की गतिविधियां देखने को मिली थी। एनआईए, ने खालिस्तान के मामले में कार्रवाई की है। विदेश से संचालित इस संगठन की गतिविधियों पर जांच एजेंसी की नजर है। देर-सवेर इस संगठन के पदाधिकारियों पर गाज गिरेगी। तब तक पंजाब पुलिस और सिविल प्रशासन को स्थानीय स्तर पर शांतिप्रिय माहौल को बिगड़ने से रोकना होगा।
कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने इस घटना को लेकर सोशल मीडिया में एक वीडियो शेयर किया है। इसमें सीएम मान की कॉमेडी दिखाई गई है। भगवंत मान बिजली न आने की बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं। राजा वड़िंग ने लिखा, उनके दिल की बात जुबां पर आ गई। हालात ऐसे हैं कि राज्य में लोग बिजली की तारों पर कपड़े सुखाने को मजबूर हैं। अरे भाई मुफ्त बिजली का वादा करते हो, मुफ्त न सही पहले बिजली तो दो। इसी बात पर नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने भगवंत मान को मशहूर भविष्यवक्ता ‘नास्त्रेदमस’ बता दिया। शनिवार को पटियाला में इंटरनेट सेवाएं बंद रखी गई हैं। शिवसेना नेता हरीश सिंगला गिरफ्तार हो चुके हैं। सिंगला का कहना था, पंजाब पुलिस और आप सरकार को, खालिस्तान समर्थकों पर कार्रवाई करनी चाहिए। दूसरी ओर, जसविंदर सिंह राजपुरा ने सिख संगठनों से अपील की थी कि जो लोग सिख राज के खिलाफ माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे हैं, पुलिस को उनके साथ सख्ती से निपटना चाहिए।

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पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, राज्य में अराजकता का माहौल है। पुलिस क्या कर रही है, पटियाला की घटना को समय रहते क्यों नहीं रोका गया। पंजाब में एक महीने में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो चुकी है। भगवंत मान को केवल पंजाब पर ध्यान देना चाहिए। कांग्रेस विधायक सुखपाल खैरा ने कहा, पटियाला में जो हिंसा हुई है, वह पूरी तरह से इंटेलिजेंस की नाकामी है। आप सरकार में मुख्यमंत्री भगवंत मान को फैसला लेने के लिए फ्री हैंड दिया जाना चाहिए।

केजरीवाल को खुश करने में लगे रहे मान

कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा, हमने पहले भी लोगों से कहा था कि पंजाब दूसरे राज्यों से अलग है। यह एक बॉर्डर स्टेट है। किसी अनाड़ी आदमी के हाथ में सरकार मत दीजिए। मौजूदा सीएम को यह नहीं मालूम कि उन्हें करना क्या है। कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने कहा, पटियाला में हिंसा होने के बाद अब भगवंत मान को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को खुश करने की बजाए, पंजाब पर ध्यान देना चाहिए। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी पटियाला में दो गुटों के बीच संघर्ष पर कहा, यहां के लोग शांतिप्रिय हैं। पंजाब पुलिस इस मामले में कड़ी कार्रवाई करेगी और कानून-व्यवस्था बिगड़ने नहीं देगी। भाजपा के नेता आरपी सिंह ने कहा कि पंजाब पुलिस, दिल्ली में डिक्टेशन ले रही है। उसे राज्य से कुछ लेना देना ही नहीं है। यह घटना सीधे तौर पर सरकार की चूक का नतीजा है। अगर पुलिस सक्रिय होती तो यह घटना रूक सकती थी।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, पुलिस ने पटियाला की घटना में केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। कुछ गिरफ्तारियां भी हुई हैं। सीएम ने इस घटना के पीछे कोई साजिश होने से इनकार किया है। दरअसल, यह दो दलों का झगड़ा था, जिसे दो समुदायों का नाम देकर शांति व्यवस्था और भाईचारे को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। इस घटना के पीछे जो भी लोग हैं, वे बहुत जल्द सामने आएंगे। आम आदमी पार्टी की सरकार ने लोगों की भलाई के लिए अनेक फैसले लिए हैं, वह विपक्षी दलों को हजम नहीं हो पा रहा है। ये लोग पंजाब की तरक्की पसंद नहीं करते और पटियाला जैसी घटना को अंजाम दे रहे हैं।

सौजन्य : अमर उजाला


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