• Skip to main content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • Home
  • About Us
  • Our Authors
  • Contact Us

The Punjab Pulse

Centre for Socio-Cultural Studies

  • Areas of Study
    • Social & Cultural Studies
    • Religious Studies
    • Governance & Politics
    • National Perspectives
    • International Perspectives
    • Communism
  • Activities
    • Conferences & Seminars
    • Discussions
  • News
  • Resources
    • Books & Publications
    • Book Reviews
  • Icons of Punjab
  • Videos
  • Academics
  • Agriculture
  • General
You are here: Home / Religious Studies / मकरसंक्रांति

मकरसंक्रांति

January 14, 2022 By Guest Author

Share

नवीन वर्मा

makar sankranti 2022 date time puja vidhi shubh muhrat Brahma and Vraj Yoga  surya gochar rashi parivartan - Astrology in Hindi - Makar Sankranti :  ब्रह्म और व्रज योग में मनेगी मकर

“मकर संक्रान्ति” भारत का बहुत ही लोकप्रिय त्योहार हैं और समस्त भारत में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है। पंजाब में मकर संक्रान्ति की पूर्वसंध्या पर “लोहड़ी” का त्यौहार मनाया जाता है, हिन्दी भाषी क्षेत्रों में खिचड़ी के रूप में मनाते हैं। इसदिन पूर्वोत्तर में “बिहू” का त्यौहार मनाते हैं तथा दक्षिण भारत में “पोंगल” के रूप में मनाते हैं।

इस दिन भगवान भास्कर “दक्षिणायण” से “उत्तरायण” में आ जाते हैं और सर्दी से कंपकपाती धरती को राहत मिलना प्रारम्भ हो जाती है। यह अवसर पूर्णतयः उत्साह उमंग का होता है। कहीं लोग आग जलाकर उसके चारों और नृत्य करते हैं, कहीं पतंग उड़ाते हैं, कहीं नौका दौड़ होती है. इस अवसर पर दान- पुन्य का बहुत महत्त्व माना गया है।

पंजाब में “लोहड़ी” की रात्रि में खुले स्थान में परिवार और आस-पड़ोस के लोग मिलकर आग के किनारे घेरा बना कर बैठते हैं. इस समय रेवड़ी, मूंगफली, लावा आदि खाते हुए नाचते गाते हुए खुशियाँ मनाते हैं। सम्पूर्ण भारत में इसे “दान” के पर्व के रूप में मनाया जता हैं। ऐसी धारणा है कि इस अवसर पर दिये गये दान का सौ गुना फल प्राप्त होता है।

आजकल पश्चिमी सभ्यता से प्रभावित लोगों ने इस पर्व को भी विकृत कर दिया है। कुछ लोग पवित्र अग्नि को, “कैंप फायर” समझकर उसके इर्दगिर्द अश्लीलता से नाचते हुए मांस मदिरा का सेवन करते हैं। यह सर्वथा अनुचित है, यदि किसी को ऐसा करना भी है तो करे हम नहीं रोकते, लेकिन यह अवश्य कहेंगे कि – अपनी “बेहूदगी” को “त्यौहार” से न जोड़ें।

आइए इस दिन से जुड़े प्रमुख प्रसंगों को स्मरण करें

Astrology mythology related to makar sankranti 119117 आखिर क्यों मनाई जाती  हैं मकर संक्रांति, पुराणों में छिपा है इसका राज - lifeberrys.com हिंदी

सबसे प्राचीन कथा शिव पत्नी “सती” के आत्मदाह से जुड़ी हुई हैं. “माता सती” के यज्ञाग्नि-दहन की याद में ही यह अग्नि जलाई जाती है। इस अवसर पर विवाहिता पुत्रियों को उनके मायके से “त्योहारी” (वस्त्र, मिठाई, फल, आदि) भेजी जाती है। “दक्ष” द्वारा यज्ञ के समय अपने दामाद “शिव” का भाग न निकालने का प्रायश्चित्त भी इसमें स्पष्ट दिखाई पड़ता है। बेटी दामाद को उपहार देना बड़ा पुण्य माना जाता है।

लोहड़ी का सबंध कई ऐतिहासिक कहानियों के साथ जोड़ा जाता है। इस से जुड़ी प्रमुख लोककथा बहादुर राजपूत योद्धा “दुल्ला भट्टी” की है। अकबर के शासन काल में, अत्याचार चरमसीमा पर थे, मुग़ल सैनिक हिन्दू लड़कियों को बलपूर्वक उठा लेते थे और उन्हें अपने आकाओं को सौंप देते थे। उस समय दुल्ला भट्टी ने अत्याचार के खिलाफ हथियार उठाये थे।

गंगा को धरती पर लाने का, भागीरथ का प्रयास भी, मकर संक्रांति के दिन ही पूरा हुआ था। हिमालय से निकलकर, भागीरथ के पीछे पीछे चलते हुए, “गंगा” मकर संक्रांति के दिन ही सागर से मिली थी। मकर संक्रांति के अवसर पर, बंगाल के क्षेत्र में स्थित, “गंगा सागर” के स्नान का बहुत महत्त्व है। कहा जाता है – “सारे तीरथ बार बार , गंगा सागर एक बार”

उ.प्र. / बिहार में इस दिन खिचडी दान करने का बहुत महत्त्व है। “खिलजी” के आक्रमण के समय गोरखपुर के “नाथ सम्प्रदाय” ने उनसे टक्कर ली थी। युद्ध काल में समय बचाने के लिए, दाल-चावल-सब्जियां मिलकर ऐसा इंस्टैंट फ़ूड तैयार किया जो पौष्टिक भी था। उन दिनों “नाथ योद्धाओं” को खिचडी खिलाना बहुत पुन्य का काम माना जाता था।

महाभारत काल में “पितामह भीष्म” ने अपनी देह त्यागने के लिए मकर संक्रान्ति का ही चयन किया था। उनको इच्छा म्रत्यु का वरदान था, उनकी इच्छा के बिना उनकी म्रत्यु नहीं हो सकती थी। महाभारत के युद्ध की सामाप्ति के बाद, हस्तिनापुर को युधिष्ठिर के हाथों में सुरक्षित देखकर, भगवान् भास्कर के “उत्तरायण” में आने के बाद देह को त्याग दिया था।

पूर्वोतर भारत में इसदिन “माघ विहू उत्सव” मनाया जाता है. यह तीन दिन चलता है. त्यौहार का प्रारम्भ “उरुका राती” से होता है। इसमें रात को परिवार, मित्र आदि मिलजुल कुछ विशेष व्यंजन बाहर पकाते है, इसे “मेजी भूज’ कहते हैं. फिर सुबह में नहा धोकर मेजी जलाते है, मेजी को भीष्म पितामह की चिता का स्वरूप समझा जाता है।

अपने रिश्तेदारों और मित्रों से मिलते हैं और जलपान की औपचारिकता करते हैं। सभी मित्र और रिश्तेदार एक दुसरे को असमिया पकवान खिलाते है, जिसमे “पीथा” प्रमुख है। इसके अलावा कुछ लोग, चावल से बनी घर की बनी मदिरा (राईस बियर) भी पीते – पिलाते हैं। इसके साथ-साथ, जगह- जगह, गीत – नृत्य आदि के कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं।

दक्षिण भारत में इस दिन पोंगल त्यौहार मनाया जाता है, यह दक्षिण भारत का सबसे बड़ा उत्सव है। यह उत्सव चार दिन चलता है। पहला दिन देवराज इंद्र को समर्पित रहता है, दूसरे दिन सूर्य भगवान् की पूजा होती है। तीसरे दिन भगवान् शिव के वाहन नंदी जी एवं गोवंश की पूजा होती है तथा चौथे दिन कन्या पूजन के साथ पोंगल पर्व का समापन होता है।

इस त्यौहार को, चाहे कोई भी – कैसे भी मनाता हो लेकिन दान-पुन्य का बिशेष महत्त्व माना जाता है। लोहड़ी / मकर संक्राति के अवसर पर बेटी दामाद को सम्मान उपहार देना और गरीबों को दान देना, दक्ष प्रजापति के द्वारा किये गए अपने बेटी दामाद के अपमान के प्रायश्चित के रूप में देखा जाता है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा माने जाने वाले 6-त्योहारों में मकर संक्रांति को विशेष तौर पर सामाजिक समरसता दिवस के रूप में मनाया जाता है । पुरे देश को जोड़ने वाले  इस पर्व को पूरे हर्षोल्लाष के साथ मनाये और दान- धर्म के कार्य करते हुए जीवन को सफल बनाए


Share
test

Filed Under: Religious Studies, Social & Cultural Studies, Stories & Articles

Primary Sidebar

News

Construction of Ferozepur PGI satellite centre to begin in December: Jakhar

September 26, 2023 By News Bureau

Women protest for Rs 1,000 poll promise in Bathinda

September 26, 2023 By News Bureau

Asian Games : ਪੰਜਾਬ ਦੇ 7 ਖਿਡਾਰੀਆਂ ਨੇ ਇਕ ਸੋਨੇ ਤੇ ਤਿੰਨ ਕਾਂਸੀ ਦੇ ਤਮਗ਼ੇ ਜਿੱਤੇ

September 26, 2023 By News Bureau

ਮੋਦੀ ਸਰਕਾਰ ਦੀ ਵੱਡੀ ਤਿਆਰੀ

September 26, 2023 By News Bureau

Gurdaspur: पाकिस्तान के नापाक मनसूबे फेल

September 26, 2023 By News Bureau

Areas of Study

  • Governance & Politics
  • International Perspectives
  • National Perspectives
  • Social & Cultural Studies
  • Religious Studies

Featured Article

ज्ञानवापी का समाधान, अपने स्वार्थ के लिए बहकाने वाले नेताओं से सावधान रहे मुस्लिम समाज

August 4, 2023 By Guest Author

किसी के लिए भी समझना कठिन है कि मुस्लिम पक्ष इसके समर्थन में क्यों नहीं कि ज्ञानवापी परिसर का सर्वे पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग करे? इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले में अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है लेकिन समय की मांग है कि निर्णय जल्द सामने आए। वाराणसी में जिसे ज्ञानवापी मस्जिद कहा जा रहा […]

Academics

ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਦਾ ਪਰਵਾਸ ਅਤੇ ਪੰਜਾਬ ’ਤੇ ਅਸਰ

ਕਿਸੇ ਵੀ ਵਰਤਾਰੇ ਨੂੰ ਸਮਝਣ ਲਈ ਜ਼ਰੂਰੀ ਹੈ ਕਿ ਉਸ ਦੇ ਸਾਰੇ ਪੱਖ ਵਿਚਾਰੇ ਜਾਣ। ਸਾਡੀ ਜਿ਼ੰਦਗੀ ਵਿਚ ਆਰਥਿਕ, ਸਮਾਜਿਕ, ਸਭਿਆਚਾਰਕ ਅਤੇ ਹੋਰ ਪਹਿਲੂ ਆਪਸ ਵਿਚ ਜੈਵਿਕ ਤੌਰ ਨਾਲ ਜੁੜੇ ਹੋਏ ਹਨ। ਇਹ ਇੱਕ ਦੂਜੇ ਨੂੰ ਪ੍ਰਭਾਵਿਤ ਕਰਦੇ ਹਨ। ਇਨ੍ਹਾਂ ਵਿਚੋਂ ਕਿਸੇ ਇੱਕ ਬਾਰੇ ਵਿਚਾਰ ਕਰਦੇ ਸਮੇਂ ਉਸ ਨਾਲ ਸਬੰਧਿਤ ਦੂਜੇ ਪਹਿਲੂਆਂ ਨੂੰ ਵਿਚਾਰਨ ਬਗੈਰ […]

अब साल में दो बार होंगी बोर्ड परीक्षाएं, स्कूली शिक्षा-परीक्षा को लेकर अहम घोषणा

शिक्षा मंत्रालय लगातार शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव कर रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने आज स्कूली शिक्षा-परीक्षा को लेकर एक अहम घोषणा की है। यह घोषणा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के क्रियान्वयन में की गयी है। जिसके मुताबिक अब बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी. इसमें छात्रों के पास […]

एक देश-एक पाठ्यक्रम आवश्यक

पाठ्यक्रम एवं पाठ्यपुस्तकों में परिवर्तन के पश्चात केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए कि सभी बोर्ड के विद्यार्थी यही पुस्तकें पढ़ें ताकि भिन्न-भिन्न बोर्ड द्वारा दी जाने वाली शिक्षा में व्याप्त अंतर एवं भेदभाव को दूर किया जा सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मूल भावना संपूर्ण देश में एक शिक्षा […]

Twitter Feed

Twitter feed is not available at the moment.

EMAIL NEWSLETTER

Signup to receive regular updates and to hear what's going on with us.

  • Email
  • Facebook
  • Phone
  • Twitter
  • YouTube

TAGS

Academics Activities Agriculture Areas of Study Art and Culture Book Reviews Books & Publications Communism Conferences & Seminars Discussions General Governance & Politics Icons of Punjab International Perspectives Media National Perspectives News Religious Studies Resources Science Social & Cultural Studies Stories & Articles Technology Uncategorized Videos

Footer

About Us

The Punjab Pulse is an independent, non-partisan think tank engaged in research and in-depth study of all aspects the impact the state of Punjab and Punjabis at large. It strives to provide a platform for a wide ranging dialogue that promotes the interest of the state and its peoples.

Read more

Follow Us

  • Email
  • Facebook
  • Phone
  • Twitter
  • YouTube

Copyright © 2023 · The Punjab Pulse

Developed by Web Apps Interactive