• Skip to main content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • Home
  • About Us
  • Contact Us

The Punjab Pulse

Centre for Socio-Cultural Studies

  • Areas of Study
    • Social & Cultural Studies
    • Religious Studies
    • Governance & Politics
    • National Perspectives
    • International Perspectives
    • Communism
  • Activities
    • Conferences & Seminars
    • Discussions
  • News
  • Resources
    • Books & Publications
    • Book Reviews
  • Icons of Punjab
  • Videos
  • Academics
  • Agriculture
  • General

लाल बहादुर शास्त्री का निधन, आज भी नहीं सुलझी है मौत की गुत्थी

January 11, 2022 By Guest Author

Share

Five instances why Lal Bahadur Shastri is the most humble prime minister of  India ever - India Hindi News - फैमिली पेंशन से लोन भरती रहीं पूर्व पीएम लाल  बहादुर शास्त्री की

आज ही के दिन 1966 में देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का ताशकंद में निधन हुआ था। लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को मुगलसराय में हुआ था। देश के लिए कई दशकों तक पूरे समर्पण भाव से काम करने वाले शास्त्री जी को उनकी जबर्दस्त कार्यक्षमता, सत्यनिष्ठा, और विनम्र स्वभाव के लिए याद किया जाता है।

लाल बहादुर शास्त्री ने मुगलसराय स्थित ईस्ट सेंट्रल रेलवे इंटर कॉलेज और वाराणसी के हरीश चंद्र हाई स्कूल से शिक्षा ग्रहण की थी। 1926 में उन्होंने काशी विद्यापीठ से अपना ग्रैजुएशन पूरा किया था। ‘शास्त्री’ का मतलब विद्वान होता है, उनके नाम के साथ ये शब्द शास्त्री नामक स्नातक उपाधि हासिल करने के बाद जुड़ा और फिर जीवन पर्यन्त उनके नाम के साथ जुड़ा रहा।

शास्त्री जी ने आजादी की लड़ाई में लिया था हिस्सा

शास्त्री जी महात्मा गांधी और लोकमान्य तिलक से प्रेरित थे। 1920 में, वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गए। उन्होंने गांधी जी के असहयोग आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया और इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा।

1930 में, उन्होंने गांधी जी के नमक सत्याग्रह में भाग लिया और दो साल से अधिक समय तक जेल में रहे। 1942 में महात्मा गांधी के भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने के बाद उन्हें 1946 तक जेल में रहना पड़ा। आजादी की लड़ाई के लिए शास्त्री जी नौ साल जेल में रहे।

1964 में देश के दूसरे PM बने शास्त्री जी

पंडित जवाहर लाल नेहरू के अचानक निधन के बाद 9 जून 1964 को शास्त्री जी देश के दूसरे प्रधानमंत्री बने। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने देश में दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान चलाया, जिसे ‘श्वेत क्रांति’ के रूप में जाना जाता है। साथ ही उनके कार्यकाल में हुई ‘हरित क्रांति’ के जरिए देश में अन्न का उत्पादन बढ़ा।

शास्त्री ने ही ‘जय जवान, जय किसान’ का नारा दिया था। वो करीब 18 महीने तक प्रधानमंत्री रहे। उनके नेतृत्व में ही भारत ने 1965 की जंग में पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी।

शास्त्री जी की मौत का राज आज भी है अनुसलझा

लाल बहादुर शास्त्री की मौत की गुत्थी अभी भी नहीं सुलझी है। 1965 में पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम के बाद लाल बहादुर शास्त्री सोवियत संघ का हिस्सा रहे उज्बेकिस्तान के ताशकंद गए थे, जहां उन्हें पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करना था। 10 जनवरी 1966 को भारत और पाकिस्तान के बीच ताशकंद समझौता हुआ और इस समझौते के महज 12 घंटे बाद ही 11 जनवरी को तड़के 1 बजकर 32 मिनट पर उनकी मौत हो गई।

शास्त्री जी की मौत के बाद उनके रिश्तेदारों और उनके जानने वालों ने षड्यंत्र की आशंका जताई थी। कहा जाता है कि शास्त्री जी मौत से आधे घंटे पहले तक बिल्कुल ठीक थे, लेकिन 15 से 20 मिनट में उनकी तबियत खराब हो गई। इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें इंट्रा-मस्कुलर इंजेक्शन दिया। इंजेक्शन देने के चंद मिनट बाद ही उनकी मौत हो गई।

शास्त्री जी की मौत को साजिश इसलिए भी कहा जाता है, क्योंकि उनका पोस्टमॉर्टम भी नहीं किया गया था। उनकी पत्नी ललिता शास्त्री ने दावा किया था कि उनके पति को जहर देकर मारा गया। उनके बेटे सुनील का भी कहना था कि जब शास्त्री जी का शव उन्हें मिला तो उनका पूरा शरीर नीला पड़ चुका था।

एम.एल वर्मा की 1978 में आई ‘ललिता के आंसू’ नामक किताब में शास्त्री जी की पत्नी ललिता ने अपने पति की दुखद मौत की कहानी सुनाई है।

जब शास्त्री जी के पार्थिव शरीर को दिल्ली लाने के लिए ताशकंद एयरपोर्ट पर ले जाया जा रहा था तो रास्ते में सोवियत संघ, भारत और पाकिस्तान के झंडे झुके हुए थे। शास्त्री के ताबूत को कंधा देने वालों में सोवियत प्रधानमंत्री अलेक्सी कोसिगिन और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान भी थे।

Lal Bahadur Shastri Death Anniversary why is it so mysterious even today -  आज भी क्यों रहस्य है शास्त्री जी की मौत - News18 Hindi – News18 हिंदी

देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की सादगी आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है। उनके अनमोल विचारों से उनके संघर्ष, दृढ़ निश्चय और बुलंद इरादों की झलक साफ नजर आती है। आइए उनके सर्वश्रेष्ठ विचारों को पढ़ें और इनसे कुछ ना कुछ सीखकर अपने जीवन में लागू करें।

  • अनुशासन और एकजुट होकर काम करना राष्ट्र के लिए ताकत का असली स्रोत है।
  • हमें शांति के लिए बहादुरी से लड़ना चाहिए जैसे हम युद्ध में लड़े थे।
  • यह अत्यंत खेद की बात है कि आज परमाणु ऊर्जा का उपयोग परमाणु हथियार बनाने के लिए किया जा रहा है।
  • शासन का मूल विचार, समाज को एक साथ रखना है ताकि यह विकसित हो सके और कुछ लक्ष्यों की ओर अग्रसर हो सके।
  • सच्चा लोकतंत्र या जनता का स्वराज असत्य और हिंसक साधनों से कभी नहीं आ सकता!
  • मैं उतना सरल नहीं हू जितना मैं दिखता हूं।
  • हम न केवल अपने लिए बल्कि पूरी दुनिया के लोगों के लिए शांति और शांतिपूर्ण विकास में विश्वास रखते हैं।
  • हमारे लिए हमारी ताकत और स्थिरता के लिए हमारे लोगों की एकता और एकजुटता के निर्माण के कार्य से अधिक महत्वपूर्ण कोई नहीं है।
  • स्वतंत्रता की रक्षा करना केवल सैनिकों का कार्य नहीं है। पूरे देश को मजबूत होना है।
  • आर्थिक मुद्दे हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं और यह सबसे महत्वपूर्ण है कि हमें अपने सबसे बड़े दुश्मनों – गरीबी, बेरोजगारी से लड़ना चाहिए।
  • विज्ञान और वैज्ञानिक कार्यों में सफलता असीमित या बड़े संसाधनों के प्रावधान से नहीं बल्कि समस्याओं और उद्देश्यों के बुद्धिमान और सावधानीपूर्वक चयन से मिलती है। सबसे बढ़कर, जो आवश्यक है वह है कड़ी मेहनत और समर्पण।
  • देश के प्रति वह निष्ठा अन्य सभी निष्ठाओं से आगे आती है। और यह पूर्ण निष्ठा है क्योंकि कोई इसे प्राप्त करने के संदर्भ में नहीं तौल सकता है।
  • अब हमें शांति के लिए उसी साहस और दृढ़ संकल्प के साथ लड़ना है, जैसा कि हमने आक्रमण के खिलाफ लड़ा था।

सौजन्य : दैनिक भास्कर


Share
test

Filed Under: Governance & Politics, National Perspectives, Stories & Articles

Primary Sidebar

More to See

Sri Guru Granth Sahib

August 27, 2022 By Jaibans Singh

ਮਾਨਸਾ ’ਚ ਕਾਲਜਾਂ ਦੀ ਘਾਟ ਕਾਰਨ ਬੱਚੇ ਪੜ੍ਹਾਈ ਅਧੂਰੀ ਛੱਡਣ ਲਈ ਮਜਬੂਰ

June 16, 2025 By News Bureau

ਨਹਿਰੀ ਪਾਣੀ ਦੀ ਘਾਟ ਕਾਰਨ ਕਿਸਾਨ ਨਿਰਾਸ਼

June 16, 2025 By News Bureau

Tags

AAP Amritsar Bangladesh BJP CAA Captain Amarinder Singh Capt Amarinder Singh China Congress COVID CPEC Farm Bills FATF General Qamar Bajwa Guru Angad Dev JI Guru Gobind Singh Guru Granth Sahib Guru Nanak Dev Ji Harmandir Sahib Imran Khan Indian Army ISI Kartarpur Corridor Kartarpur Sahib Kashmir LAC LeT LOC Maharaja Ranjit Singh Narendra Modi operation sindoor Pakistan PLA POJK President Xi Jinping Prime Minister Narednra Modi PRime Minister Narendra Modi Punjab QUAD RSS SAD SFJ SGPC Sikh Sukhbir Badal

Featured Video

More Posts from this Category

Footer

Text Widget

This is an example of a text widget which can be used to describe a particular service. You can also use other widgets in this location.

Examples of widgets that can be placed here in the footer are a calendar, latest tweets, recent comments, recent posts, search form, tag cloud or more.

Sample Link.

Recent

  • ‘This is not an era of war’, says PM Modi
  • ਮਾਨਸਾ ’ਚ ਕਾਲਜਾਂ ਦੀ ਘਾਟ ਕਾਰਨ ਬੱਚੇ ਪੜ੍ਹਾਈ ਅਧੂਰੀ ਛੱਡਣ ਲਈ ਮਜਬੂਰ
  • ਨਹਿਰੀ ਪਾਣੀ ਦੀ ਘਾਟ ਕਾਰਨ ਕਿਸਾਨ ਨਿਰਾਸ਼
  • ਸਾਦੇ ਕੱਪੜਿਆਂ ’ਚ ਪੁਲੀਸ ਵੱਲੋਂ ਕਾਰ ਡਰਾਈਵਰ ’ਤੇ ਗੋਲੀਆਂ ਚਲਾਉਣਾ ਸਰਕਾਰੀ ਫ਼ਰਜ਼ ਨਹੀਂ: ਸੁਪਰੀਮ ਕੋਰਟ
  • ਗਰਮੀ ਦੇ ਕਹਿਰ ਮਗਰੋਂ ਪੰਜਾਬ ’ਚ ਬਿਜਲੀ ਸੰਕਟ ਦਾ ਖਦਸ਼ਾ

Search

Tags

AAP Amritsar Bangladesh BJP CAA Captain Amarinder Singh Capt Amarinder Singh China Congress COVID CPEC Farm Bills FATF General Qamar Bajwa Guru Angad Dev JI Guru Gobind Singh Guru Granth Sahib Guru Nanak Dev Ji Harmandir Sahib Imran Khan Indian Army ISI Kartarpur Corridor Kartarpur Sahib Kashmir LAC LeT LOC Maharaja Ranjit Singh Narendra Modi operation sindoor Pakistan PLA POJK President Xi Jinping Prime Minister Narednra Modi PRime Minister Narendra Modi Punjab QUAD RSS SAD SFJ SGPC Sikh Sukhbir Badal

Copyright © 2025 · The Punjab Pulse

Developed by Web Apps Interactive