• Skip to main content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • Home
  • About Us
  • Contact Us

The Punjab Pulse

Centre for Socio-Cultural Studies

  • Areas of Study
    • Maharaja Ranjit Singh
    • Social & Cultural Studies
    • Religious Studies
    • Governance & Politics
    • National Perspectives
    • International Perspectives
    • Communism
  • Activities
    • Conferences & Seminars
    • Discussions
  • News
  • Resources
    • Books & Publications
    • Book Reviews
  • Icons of Punjab
  • Videos
  • Academics
  • Agriculture
  • General

चौधरी कुशाल सिंह दहिया: महावीर बलिदानि

April 7, 2023 By Jaibans Singh

Share

The Punjab Pulse Bureau

इस्लाम कबूल न करने पर जालिम औरंगजेब ने भाई सतीदास, भाई मतीदास और भाई दयाला को शहीद कर दिया। 22 नवंबर को औरंगजेब ने गुरु तेगबहादुर का भी शीश कटवा दिया और उनके पवित्र पार्थिव शरीर की बेअदबी करने के लिए शरीर के चार टुकड़े कर के उसे दिल्ली के चारों बाहरी गेटों पर लटकाने का आदेश दे दिया।

लेकिन उसी समय अचानक आये अंधड़ का लाभ उठाकर एक स्थानीय व्यापारी लक्खीशाह गुरु जा धड और भाई जैता जी गुरु जी का शीश उठाकर ले जाने में कामयाब हो गए। लक्खीशाह ने गुरु जी के धड़ को अपने घर में रखकर अपने घर को अग्निदाग लगा दी। इस प्रकार समझदारी और त्याग से गुरु जी के शरीर की बेअदवी होने से बचा लिया।

इधर भाई जैता जी ने गुरूजी का शीश उठा लिया और उसे कपडे में लपेटकर अपने कुछ साथियों के साथ आनंदपुर साहब को चल पड़े। औरँगेजेब ने उनके के पीछे अपनी सेना लगा दी और आदेश दिया कि किसी भी तरह से गुरु जी का शीश वापस दिल्ली लेकर आओ। भाई जैता जी किसी तरह बचते बचाते सोनीपत के पास बढ़खालसा गाँव में जो पंजाब जाते हुए जीटी रोड सोनीपत में स्थित है उसमें पहुंचे गए।

मुगल सेना भी उनके पीछे लगी हुई थी। वहां के स्थानीय निवासियों को जब पता चला कि – गुरु जी ने बलिदान दे दिया है और उनका शीश लेकर उनके शिष्य उनके गाँव में आये हुए हैं तो सभी गाँव वालों ने उनका स्वागत किया और शीश के दर्शन किये। चौधरी कुशाल सिंह दहिया को जब पता चला तो वे भी वहां पहुंचे और गुरु जी के शीश के दर्शन किये और बड़ा दुख जताया।

उधर अब मुगलो की सेना भी गांव के पास पहुंच चुकी है। गांव के लोग इकट्ठा हुए और सोचने लगे कि क्या किया जाए? मुग़ल सैनिको की संख्या और उनके हथियारों को देखते हुए गाँव वालों द्वारा मुकाबला करना भी आसान नहीं था। सबको लग रहा था कि- मुगल सैनिक गुरु जी के शीश को आनन्दपुर साहिब तक नहीं पहुंचने देंगे। अब क्या किया जाए

तब “दादा कुशाल सिंह दहिया” ने आगे बढ़कर कहा कि – सैनिको से बचने का केवल एक ही रास्ता है कि – गुरुजी का शीश मुग़ल सैनिको को सौंप दिया जाए। इस पर एक बार तो सभी लोग गुस्से से “बाबा खुशाल” को देखने लगे लेकिन बाबा ने आगे कहा – आप लोग ध्यान से देखिये गुरु जी का शीश, मेंरे चेहरे से कितना मिलता जुलता है उनकी आयु,शक्ल और दाढ़ी गुरु तेगबहादुर से हुबहू मिल रही थी।बिना वक्त जाया करते उन्होंने कहा कि अगर आप लोग मेरा शीश काट कर, उसे गुरु तेगबहादुर जी का शीश कहकर, मुग़ल सैनिको को सौंप देंगे तो ये मुग़ल सैनिक शीश को लेकर वापस लौट जायेंगे। तब गुरु जी का शीश बड़े आराम से आनंदपुर साहब पहुँच जाएगा और उनका सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हो जाएगा। उनकी इस बात पर चारों तरफ सन्नाटा फ़ैल गया।

सबलोग स्तब्ध रह गए कि – कैसे कोई अपना शीश काटकर दे सकता है? पर वीर कुशाल सिंह फैसला कर चुके थे, उन्होंने सबको समझाया कि – गुरु तेग बहादुर कों हिन्द की चादर कहा जाता हैं, उनके सम्मान को बचाना हिन्द का सम्मान बचाना है। इसके अलावा कोई चारा नहीं है।फिर दादा कुशाल सिंह ने अपने वंशजों अपने बड़े बेटे के हाथों से अपना सिर कटवाकर थाली में रख कर गुरु शिष्यो को दे दिया।एक बेटा धर्म रक्षा के लिए अपने बाप का सिर काटे ऐसी मिशाल देखने तो क्या सुनने को भी नहीं मिलती लेकिन ऐसे महावीर बलिदानियों को भुला दिया गया।आज गुरु तेगबहादुर सिंह का बलिदान दिवस मनाया जा रहा है 400प्रकाश पर्व भी है ऐसे में हमें उनको भी नहीं भूलना चाहिए।

जब मुगल सैनिक गाँव में पहुंचे तो सिक्ख दोनों शीश को लेकर वहां से निकल गए। भाई जैता जी गुरु जी का शीश लेकर तेजी से आगे निकल गए और जिनके पास बाबा कुशाल सिंह दहिया का शीश था, वे जानबूझकर कुछ धीमे हो गए, मुग़ल सैनिको ने उनसे वह शीश छीन लिया और उसे गुरु तेग बहादुर जी का शीश समझकर दिल्ली लौट गए।

इस तरह धर्म की खातिर बलिदान देने की भारतीय परम्परा में एक और अनोखी गाथा जुड़ गई। जहाँ दादा वीर कुशाल सिंह दहिया ने अपना बलिदान दिया था उसे “गढ़ी दहिया” तथा “गढ़ी कुशाली” भी कहते हैं। केवल जाटों को छोड़कर सदियों से बाकी किसी कथित पत्तलचाट चाटुकार लेखकों, इतिहासकारों और सरकारों ने “दादा वीर कुशाल सिंह दहिया” तथा इस स्थान को कोई महत्त्व नहीं दिया।

ऐसा वीर आज तक नहीं हुआ जो अपने ही बेटे को अपना सर काटने का भरी पंचायत में आदेश दे और बेटा बिना हिचक उस आदेश का पालन करे।पता नहीं क्यों सरकारों के मुंह सिल जाते हैं खुद हमारी कौम हमारा समाज भी भुला कर उपेक्षित किए बैठा है हमें अपने महा बलिदानी को आगे लाना होगा जिससे सबको ज्ञान प्राप्त हो प्रेरणा मिले।यही हम सबका फर्ज और उत्तरदायित्व भी है।

राष्ट्रीय जाट रत्न पत्रिका प्रकाशन समूह ने बार बार इन पर लेख प्रकाशित कर भारतीयों को याद दिलाने की कोशिश की है, आगे दहिया इतिहास में भी प्रकाशित किया जा रहा है।आपका भी नैतिक उत्तरदायित्व बनता है।इसलिए इस पोस्ट को जितना ज्यादा हो सके आगे शेयर, फॉरवर्ड करने का कार्य करें।हम आप सभी की तरफ से इस प्रकाश पर्व पर अपने भारत के महान सपूत अमर वीर बलिदानी बाबा चौधरी खुशाल सिंह दहिया महान आत्मा को शत शत नमन करते हुए श्रद्धांजलि देते हैं ऐसी महान आत्माओं की आहुतियों की वजह से यह भारत देश धर्म सभ्यता,संस्कृति जिंदा है जिसे हमें कभी नहीं भूलना चाहिए अपने बेटे से ही अपना शीश कटवाने वाले दादा वीर कुशाल सिंह दहिया के आत्मबलिदान को सादर शत शत नमI

हरियाणा के लोगों ने अब उस स्थान पर एक म्यूजियम बनवाया है और वहां पर महाबलिदानी अमर वीर चौधरी कुशाल सिंह दहिया (कुशाली) की स्मारक को स्थापित किया है। यह स्थान सोनीपत जिले में बढ़खालसा नामक स्थान पर है जहां गुरुद्वारा बना हुआ है, आदमकद प्रतिमा और शिलालेख चीख चीख कर इस महान बलिदान की अमर गाथा दिखाई देते नजर आ जायेंगे। जो सिंघु बार्डर से थोड़ी ही दूर है। सभी जाटों व खालसा प्रेमियों को वहां दर्शन के लिए जरूर जाना चाहिए।


Share
test

Filed Under: Religious Studies, Stories & Articles

Primary Sidebar

Mahraja Ranjit Singh Portal

Maharaja Ranjit Singh is an icon of Punjab and Punjabis. He is also called Sher-e-Punjab (Lion of Punjab) in view of the respect that is due to him for his bravery and visionary leadership which led to the creation of the Sikh Empire (Sarkaar-e-Khalsa). The Punjab Pulse has dedicated a portal to the study of the Maharaja with the view to understand his life and identify his strengths for emulation in our culture and traditions. The study will emcompass his life, his reign, his associates, his family and all other aspects pertaining to the Sikh Empire.

Go to the Portal

More to See

Sri Guru Granth Sahib

August 27, 2022 By Jaibans Singh

3 health officials suspended in Rs 30-lakh fuel scam at Bathinda hospital

June 30, 2025 By News Bureau

ਨਿਸ਼ਾਨੇਬਾਜ਼ੀ: ਸੁਰੁਚੀ ਤੇ ਨੀਰਜ ਨੇ ਜਿੱਤੇ ਕੌਮੀ ਚੋਣ ਟਰਾਇਲ

June 30, 2025 By News Bureau

Tags

AAP Amritsar Bangladesh BJP CAA Captain Amarinder Singh Capt Amarinder Singh China Congress COVID CPEC Farm Bills FATF General Qamar Bajwa Guru Angad Dev JI Guru Gobind Singh Guru Granth Sahib Guru Nanak Dev Ji Harmandir Sahib Imran Khan Indian Army ISI Kartarpur Corridor Kartarpur Sahib Kashmir LAC LeT LOC Maharaja Ranjit Singh Narendra Modi operation sindoor Pakistan PLA POJK President Xi Jinping Prime Minister Narednra Modi PRime Minister Narendra Modi Punjab QUAD RSS SAD SFJ SGPC Sikh Sukhbir Badal

Featured Video

More Posts from this Category

Footer

Text Widget

This is an example of a text widget which can be used to describe a particular service. You can also use other widgets in this location.

Examples of widgets that can be placed here in the footer are a calendar, latest tweets, recent comments, recent posts, search form, tag cloud or more.

Sample Link.

Recent

  • ‘River of grief’ Ghaggar, Malwa’s bane and health hazard
  • 3 health officials suspended in Rs 30-lakh fuel scam at Bathinda hospital
  • ਨਿਸ਼ਾਨੇਬਾਜ਼ੀ: ਸੁਰੁਚੀ ਤੇ ਨੀਰਜ ਨੇ ਜਿੱਤੇ ਕੌਮੀ ਚੋਣ ਟਰਾਇਲ
  • ਹਰਿਆਲੀ ਟੀਮ ਨੇ 150 ਪੌਦੇ ਲਾਏ
  • ਬਾਜੇਕਾਂ ’ਚ ਵਿਕਦੇ ਨਸ਼ਿਆਂ ਵਿਰੁੱਧ ਪਿੰਡ ਵਾਸੀਆਂ ਵੱਲੋਂ ਜਾਮ

Search

Tags

AAP Amritsar Bangladesh BJP CAA Captain Amarinder Singh Capt Amarinder Singh China Congress COVID CPEC Farm Bills FATF General Qamar Bajwa Guru Angad Dev JI Guru Gobind Singh Guru Granth Sahib Guru Nanak Dev Ji Harmandir Sahib Imran Khan Indian Army ISI Kartarpur Corridor Kartarpur Sahib Kashmir LAC LeT LOC Maharaja Ranjit Singh Narendra Modi operation sindoor Pakistan PLA POJK President Xi Jinping Prime Minister Narednra Modi PRime Minister Narendra Modi Punjab QUAD RSS SAD SFJ SGPC Sikh Sukhbir Badal

Copyright © 2025 · The Punjab Pulse

Developed by Web Apps Interactive