Sanjiv
पटियाला की घटना देखने के बाद देश विरोधी एजेंसियां खुश और समाज में हिन्दू सिख की चर्चा यही चाहती थी एजेंसियां पँजाब में हिन्दू ओर सिख दो है यह समाज को स्मरण करवाने में सफल रहीं। शिव सेना और निहंग सिख इनमे विवाद खालिस्तान इस पर जोर आजमाइश से पँजाब ओर पंजाबियत अहित हुई। इस पर समाज में अलग अलग विचार कुछ इस प्रकार:-
1. मंदिर में हमला हुआ।
2. खालिस्तान समर्थक आहत हुए।
3. प्रशासन का बिखराव भी समाज को तोड़ रहा है।
4. हम सब एक है यह भी दिखाने की कोशिश हुई।
पंजाबियों का मूल मंत्र ‘ਓ” है। गुरु साहिब ने “श्री गुरुग्रन्थ साहिब” को “गुरु मानियो ग्रन्थ” कहा इसमें जो वाणी है वह पंजाबियों का जीवन कैसा हो ध्यांन केंद्रित करती है । यह घटना में पँजाब के बुद्धिजीवियों का रोल मूकदर्शक के रूप में हुआ । जबकि उनका दायित्व परिवार के मुखिया के रूप में होना चाहिए था। कहि न कही इसमें प्रशासन अपना दायित्व निभाने में भी असफल रहा।
पँजाब ओर पंजाबियत को बचाना है तो इन बुद्धिजीवियों को परिवार का मुखिया बनना होगा । गुरुद्वारे में बेअदबी करते हुए यूवक को मार देना , शिवसेना की तरफ से खालिस्तानियों को उकसाना, निहंग सिखों द्वारा मंदिर परिसर की गरिमा और देवी देवताओं का अपमान , योगराज या अन्य कलाकार द्वारा पंजाबियों की बहू बेटियों पर अभद्र शब्द बोलना ओर पुलिस का अपने दायित्व का निर्वाह न करना इस सब पर बुद्धिजीवियों को डट कर विरोध करना चाहिए ओर समाज को जागृत करना चाहिए। “आप एक है भेषभूषा अलग है” वर्तमान में हम हिन्दू सिख है यह अराजक तत्व जो देश को तोड़ना चाहतें है उनके द्वारा पैदा किए हुए शब्द है।
जो संगठन इस बहकावे में आ गए उनसे बुद्धिजिवियो को लेख , नाटक ओर छोटी छोटी गोष्ठियों के माध्यम से पूछना चाहिए।
1. शिव सेना का अर्थ शिव की सेना वह तो सृष्टि की रक्षा करती है ।
2, निहंग सिखों से पूछना चाहिए कि वह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा सजाए गए सिख फौज के रूप में हो आपका अस्तित्व भारत की संस्कृति और भारतीय समाज की रक्षा का दायित्व है ।
3. प्रशासन को एक दिखना चाहिए एक ऑफिसर रोकने की कोशिश कर रहा है उसके साथी क्या कर रहे थे ऐसे लोगो को तुरंत दायित्व से मुक्त कर देना चाहिए । कानून सबके लिए समान होना चाहिए। गुरुद्वारा साहिब में 24 घण्टे में गत समय पँजाब दो लोगो की हत्या की गई । दोनों निहथे थे जो उन दोनों ने गलती की वह निंदनीय है पर दो तरहं की करवाई क्यों ? एक तरफ fir दूसरी तरफ कुछ भी नही । बुद्धिजीवियों का उस समय दायित्व था कि वह कहते आपको कानून का पालन करना चाहिए । उस वियक्ति को पकड़ कर प्रशासन को देते और कानून से कड़ी कड़ी सजा दिलवाते इसके पीछे साजिश क्या है वह भी पता चलता पर कहि न कही समाज एकरूप में खड़ा नही हुआ।
4. वह लोग जो झंडा उठा कर शांति का हम सब एक है ऐसा करने से अच्छा नही की वह जो गलत है उस का डटकर विरोध करें।
पँजाब ओर पंजाबियत को बचाने के लिए बुद्धिजीवियों ओर कलाकारों को अपने दायित्व मुखिया के रूप में निभाना होगा। पंजाबियों का दायित्व भी है कि वह एक है इसका प्रगटावा करे न कि हम एक है दिखाने की कोशिश करें। हम सब को इस पर विचार करना चाहिए ।
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