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विश्व जल दिवस: पानी सबसे कीमती संसाधन

March 23, 2024 By Guest Author

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विश्व जल दिवस: पानी सबसे कीमती संसाधन, बचाने पर दें जोर- यूनिसेफ इंडिया

यूनिसेफ इंडिया के जल सफाई एवं स्वच्छता प्रमुख पॉलोस वर्कनेह ने विश्व जल दिवस के मौके पर जन जीवन मिशन और पानी की कमी की वजह से पैदा हो रही चुनौतियों पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि परिवारों के पास जब सीधे घरों तक स्वच्छ और विश्वसनीय जल स्त्रोत नहीं होता है तो इसका सबसे अधिक प्रभाव महिलाओं और बच्चों पर पड़ता है।

world water day know pure water importance in hindi | विश्व जल दिवस आज, खास  फैक्ट्स में जानिए कितना जरूरी है साफ पानी | Hindi News, राष्ट्र

23 मार्च, 2024 – नई दिल्ली : हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए पानी बेहद जरूरी है और इसके बिना जीवन की कल्पना करना बेहद मुश्किल है। इसके अलावा पानी की कमी की वजह से बच्चों और महिलाओं को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। पानी को लेकर कई तरह के शोध भी हो चुके हैं, जो यह बताते हैं कि स्वच्छ पेय जल की बदौलत डायरिया जैसी स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने में मदद मिली है।

ऐसे में लोगों को पानी के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 22 मार्च को ‘विश्व जल दिवस’ मनाया जाता है। इन्हीं तमाम चुनौतियों के बारे में जागरण संवाददाता ने यूनिसेफ इंडिया के जल, सफाई एवं स्वच्छता प्रमुख पॉलोस वर्कनेह से खास बातचीत की। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश:

पानी की कमी से जूझ रहे देशों में महिलाओं और बच्चों को किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?

परिवारों के पास जब सीधे घरों तक स्वच्छ और विश्वसनीय जल स्रोत नहीं होता है, तो इसका सबसे अधिक प्रभाव महिलाओं और बच्चों पर पड़ता है। पानी की कमी की वजह से सीवेज प्रणालियां खराब हो सकती हैं और जल जनित बीमारियां खतरा पैदा कर सकती हैं जिसकी वजह से बच्चों का स्वास्थ्य और जनजीवन प्रभावित हो सकता है। पानी की कमी से महिलाएं और भी अधिक हाशिये पर चली जाती हैं, क्योंकि अधिकांश विकासशील देशों में महिलाओं और लड़कियों को अपनी सेहत, हित और शिक्षा की कीमत पर पानी को एकत्रित करने की जिम्मेदारी उठानी पड़ती है। साथ ही पानी की कमी वाले इलाकों में स्कूल में उपस्थिति भी प्रभावित होती है।

पानी को लेकर कई तरह के शोध से यह साबित होता है कि स्वच्छ पेय जल की बदौलत डायरिया और पेचिस जैसी स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने में मदद मिली है। निर्धारित गुणवत्ता वाला पानी हर घर, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र इत्यादि तक पहुंच रहा है, यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार वाटर टेस्टिंग लैब बना रही है, जहां पर मामूली दरों पर लोग पीने के पानी की जांच करा सकते हैं।

भविष्य में पीने का साफ पानी हर घर तक पहुंचे इसके लिए क्या किया रहा है?

भारत सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत हर घर में घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराया है। मिशन का उद्देश्य केवल बुनियादी ढांचे का निर्माण करना नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि पीने का पानी विश्वसनीय रूप से उपलब्ध हो और पानी की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप हो। पानी का संरक्षण और विवेकपूर्ण इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर सामाजिक और व्यवहार परिवर्तन गतिविधियां शुरू हो रही हैं।

जल जीवन मिशन पहल ने चार सालों में ग्रामीण नल कलेक्शन कवरेज को तीन करोड़ से बढ़ाकर 14.5 करोड़ कर दिया है। इसका मतलब है कि लगभग 75 फीसद ग्रामीण परिवारों को नल से जल मिल रहा है। देशभर के 89 फीसद स्कूलों और 86 फीसद आंगनबाड़ियों को नल के जल की आपूर्ति हो रही है।

हर बच्चे तक साफ पीने के पानी की पहुंच में सुधार के लिए यूनिसेफ क्या कर रहा है?

यूनिसेफ भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के साथ मिलकर जल जीवन मिशन के साथ काम कर रहा है। घरेलू नल कनेक्शन के अलावा यूनिसेफ स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए पीने के साफ पानी की आपूर्ति स्थापित करने के लिए भी काम कर रहा है। इसके अलावा यूनिसेफ जलवायु को लेकर भारत सरकार का सहयोग कर रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जल स्रोतों की सुरक्षा और पानी का संरक्षण किया जाए ताकि यह बच्चों के लिए उनके घरों, स्कूलों और अस्पतालों में उपलब्ध हो।

यूनिसेफ युवाओं और बच्चों को सुरक्षित पेयजल और स्वच्छ वातावरण के अधिकार का समर्थक बनने की क्षमता भी विकसित कर रहा है। यूनिसेफ अपशिष्ट प्रबंधन से लेकर जल प्रबंधन तक पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ और जलवायु-लचीले तरीकों को बढ़ावा देता है।

यह ओडिशा में यूथ4वाटर, महाराष्ट्र में महा यूथ फॉर क्लाइमेट एक्शन (एमवाईसीए) और एनसीसी, एनएसएस और एनवाईकेएस जैसे युवा समूहों जैसे युवा नेटवर्क के माध्यम से जल संरक्षण और पर्यावरणीय स्थिरता में युवाओं की भागीदारी जैसे स्थानीय जलवायु कामों को सपोर्ट करता है।

यूनिसेफ 16 राज्यों और 192 जिलों में काम करता है। यूनिसेफ सरकार को सपोर्ट करता है और वैकल्पिक सेवा वितरण दृष्टिकोण में सहायता करता है। इसके अलावा वह पानी, स्वच्छता और स्वच्छता सेवाओं को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए सार्वजनिक संस्थानों और भागीदारों को संगठित करता है। समाज में इस दिशा में कई काम किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने यूनिसेफ के सहयोग से पेयजल सेवाओं के प्रशासन में नेतृत्वकारी भूमिका निभाने के लिए प्रत्येक गांव में पांच महिलाओं का एक कैडर ‘जल वाहिनी’ की संकल्पना की। राज्य में 19,668 गांवों में 109,000 पंजीकृत जल वाहिनी हैं। उनके कामों को शासन की ओर से सराहा गया है और ग्राम सभा के माध्यम से उन्हें चुना जाता है।

जल स्रोत तक टिकाऊ रहें और लंबे समय तक हर घर तक सुरक्षित पेयजल पहुंचता रहे इसके लिए क्या किया जा सकता है?

स्थायी पाइप जल आपूर्ति योजना का लक्ष्य केवल बुनियादी ढांचे का निर्माण करना नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि लंबे समय तक सभी को पानी उपलब्ध हो। भूजल की कमी, जलवायु परिवर्तन के कारण अनियमित बारिश, पानी में दूषित पदार्थों की उपस्थिति, पीने के पानी तक पहुंच में चुनौतियां पैदा कर सकती हैं।

इसलिए प्रारंभिक योजना चरणों से ही जल आपूर्ति प्रणालियों के जीवनकाल में सुधार के लिए जलभृत पुनर्भरण, वर्षा जल संचयन, जल निकायों, जलाशयों की भंडारण क्षमता में वृद्धि, डी-सिल्टिंग जैसे स्रोत स्थिरता उपायों पर जोर दिया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, समय पर संचालन और रखरखाव निरंतर जल आपूर्ति और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

जल जीवन मिशन सभी ग्रामीण परिवारों तक सुरक्षित पेयजल की निरंतर पहुंच सुनिश्चित कर रहा है। इसके अलावा, मिशन का लक्ष्य स्थानीय युवाओं को जमीनी स्तर पर शामिल करके सरकार द्वारा शुरू किए गए कौशल विकास प्रयासों को बढ़ावा देना है। मिशन में सेवा उपयोगिता प्रबंधकों का एक कैडर बनाने की सोच है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित पेयजल आपूर्ति के प्रबंधन की देखरेख करेगा।

स्वच्छ जल को बचाने, पुन: उपयोग करने और इसके उपयोग को कम करने के महत्व पर जागरूकता पैदा करना महत्वपूर्ण व्यावहारिक परिवर्तन हैं जिन पर व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर जोर दिया जा रहा है।

कीमती संसाधन को बचाने के लिए लोगों को अपने स्तर पर किन उपायों का पालन करने की सलाह देंगे?

पानी बचाने के लिए कुछ सरल और जरूर उपाय किए जा सकते हैं। जैसे- फ्लश, नल और वाटरपाइप में लीक को समय पर ठीक करना, नल और शॉवरहेड्स और टॉयलेट फ्लश इकाइयों के लिए जल-कुशल फिक्स्चर का उपयोग करना, अपने घर में मापने के लिए पानी के मीटर को खरीदना इत्यादि।

विश्व जल दिवस क्या है और इसे क्यों मनाया जाता है?

विश्व जल दिवस पानी के महत्व पर प्रकाश डालता है और दुनिया में सुरक्षित पानी तक पहुंच के बिना रहने वाले 2.2 अरब लोगों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देता है। यह दिन वैश्विक जल संकट से निपटने के लिए कार्रवाई के महत्व पर जोर देने के बारे में है।

विश्व जल दिवस 2024 का विषय क्या है?

हर साल संयुक्त राष्ट्र विश्व जल दिवस की थीम निर्धारित करता है और इस साल की थीम ‘शांति के लिए जल’ है।

पानी दुर्लभ है। बढ़ती और बेमौसम बारिश, सूखा और लू जैसी बढ़ती जलवायु परिवर्तन की घटनाओं का दुनिया के कई हिस्सों में बच्चों और उनके परिवारों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है। जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन का प्रभाव बढ़ रहा है और जनसंख्या बढ़ रही है, हमारे सबसे कीमती संसाधन, पानी की सुरक्षा और संरक्षण के लिए देशों के भीतर और बीच में एकजुट होने की तत्काल आवश्यकता है। विश्व जल दिवस 2024 प्रासंगिक है, क्योंकि यह हर किसी की जरूरतों को संतुलित करने के लिए एक साथ काम करने पर जोर देता है।

सौजन्य : दैनिक जागरण


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