किसी क्षेत्र में पहल करने वाला देश ही सही अर्थों में आत्मनिर्भर होता है। अगर भारत को सही अर्थों में आत्मनिर्भर बनाना है और विश्व को अपने पर निर्भर बनाना है तो यह देखना होगा कि आज से दस-बीस साल बाद दुनिया की आवश्यकता क्या होगी और उन तकनीकों पर अभी से अनुसंधान और निवेश करना होगा, … [Read more...] about आत्मनिर्भर बनने का सही रास्ता, भारत बनेगा वैश्विक आर्थिक महाशक्ति
अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकते गांव
यह समय की मांग है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के अंतिम छोर तक मजबूत गैर-बैंकिग वित्तीय कंपनियों (NBFC) की भूमिका को प्रभावी बनाया जाए। गांवों में प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना का तेजी से विस्तार करना होगा। इससे छोटे किसानों की संस्थागत ऋण तक पहुंच बढ़ाई जा सकेगी। देश को 2047 तक विकसित … [Read more...] about अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकते गांव
कांग्रेस ने पहले ‘वंदे मातरम्’ के टुकड़े किए, फिर देश के
जिस कांग्रेस के अधिवेशन में पहली बार ‘वंदे मातरम्’ गूंजा, उसी कांग्रेस ने मौलाना सैयद मुहम्मद अली की राय को संपूर्ण मुस्लिम समुदाय की भावना मान लिया। 1937 में कांग्रेस कार्य समिति ने गीत के तथाकथित ‘आपत्तिजनक अंशों’ को हटाने का निर्णय लिया। एक दशक बाद 1947 में मजहब के आधार पर देश … [Read more...] about कांग्रेस ने पहले ‘वंदे मातरम्’ के टुकड़े किए, फिर देश के
सदाबहार मित्र के साथ शिखर वार्ता
मास्को ने दिल्ली को कभी निराश नहीं किया यह शिखर सम्मेलन उसकी प्रतिबद्धताओं पर नए सिरे से प्रकाश डालने का ही काम करेगा। यह सही है कि बदली हुई वैश्विक परिस्थितियों और सामरिक खरीदारी में विविधीकरण के भारतीय प्रयासों के बीच रूस की भारतीय हथियार बाजार में हिस्सेदारी कम हो रही है, … [Read more...] about सदाबहार मित्र के साथ शिखर वार्ता
संघ और संविधान
आज संघ समाज को संस्कारित करने के लिए वे सभी काम कर रहा है, जिनकी कल्पना संविधान निर्माताओं ने की थी। इसलिए यह कहना उचित नहीं है कि संघ और संविधान अलग-अलग राह के राही हैं। 6 नवंबर, 1949 को भारत का संविधान अंगीकार किया गया। इस दिन ने हमारे राष्ट्र की दिशा और धुरी तय की। … [Read more...] about संघ और संविधान




