• Skip to main content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • Home
  • About Us
  • Our Authors
  • Contact Us

The Punjab Pulse

Centre for Socio-Cultural Studies

  • Areas of Study
    • Social & Cultural Studies
    • Religious Studies
    • Governance & Politics
    • National Perspectives
    • International Perspectives
    • Communism
  • Activities
    • Conferences & Seminars
    • Discussions
  • News
  • Resources
    • Books & Publications
    • Book Reviews
  • Icons of Punjab
  • Videos
  • Academics
  • Agriculture
You are here: Home / Areas of Study / International Perspectives / कनाडा का ख्वाब ले रहा पंजाबी युवकों की जान

कनाडा का ख्वाब ले रहा पंजाबी युवकों की जान

August 26, 2022 By Guest Author

Share

NRI दुल्हनें रिश्ता तोड़ रही हैं, शर्म से उनके पति कर रहे खुदखुशी

कनाडा का ख्वाब ले रहा पंजाबी युवकों की जान: NRI दुल्हनें रिश्ता तोड़ रही  हैं, शर्म से उनके पति कर रहे खुदखुशी

कोठे गोविंदपुरा पंजाब का सुस्ताता हुआ गांव। मीलों तक पसरे खेतों में गीली मिट्टी और पकते धान की महक। लोग मिलते हैं तो ठहाके लगाते हैं। ताजा मक्खन लगा पराठा परोसते हैं, लेकिन ठहरिए! इन आंखों की कोरों में गहरी उदासी है। उदासी- पीछे छूट जाने की। शर्म- छोड़ा हुआ पति कहलाने की। ये जिंदादिल पंजाबी युवकों का वो चेहरा है, जिसे कोई नहीं जानता।

‘जैसे ही पंजाब के गांवों में बच्चे जन्मते हैं, मां उसे कनाडा जाने की दुआ देती है और पिता पैसे जोड़ने लगता है। पढ़ाई या कारोबार के लिए नहीं, कनाडा भेजने के लिए!’ हंसी-हंसी में ये बात हमारे लोकल मददगार कह जाते हैं। हम बठिंडा शहर से होते हुए बरनाला की तरफ बढ़ रहे हैं।

पहला पड़ाव है कोठे गोविंदपुरा। करीब 8 हजार की आबादी वाला गांव, जहां लवप्रीत सिंह नाम के युवक की सालभर पहले अपने ही खेत में जहर पीकर, खून की उल्टियां करते हुए मौत हो गई।

25 साल के इस लड़के ने खुदकुशी की, क्योंकि विदेश जा चुकी पत्नी उससे बात करने से इनकार कर चुकी थी। लवप्रीत ने जब उन 35 लाख रुपए का हवाला दिया, जो उसके परिवार ने लड़की को कनाडा भेजने पर खर्च किए थे, तो उसने वॉट्सऐप से लेकर हर जगह से ब्लॉक कर दिया। नंबर भी बदल डाला। ससुराली रिश्तेदार गायब।

बिचौलिया कन्नी काट चुका। बेहद हंसमुख और मेहनती लड़का भीतर ही भीतर घुलने लगा। वो मानसून की शुरुआत थी, जब खेतों में काम के बहाने गया और जहर पी लिया।

हम उन्हीं खेतों से घिरे हुए लवप्रीत के घर के दालान में बैठे हैं। सामने पिता बलविंदर सिंह, जो बात करते हुए फफककर रो देते हैं। एक नहीं, कई-कई बार। 6 फुट से भी ऊंचा-तगड़ा ये पिता फसलों पर, पॉलिटिक्स पर तगड़ी राय रखता है, लेकिन जैसे ही लाडो का जिक्र आता है, कमजोर हो रो पड़ता है। लाडो यानी लवप्रीत।

लवप्रीत के चाचा हरविंदर सिंह से बातचीत के बाद एक-एक करके सारी बातें खुलती चली गईं। साल 2019 में लवप्रीत की शादी एक रिश्तेदार के जरिए हुई। बीन्त कौर आम बच्चियों जैसी ही थी। प्यारी। हंसी-मजाक करने और घर में चिरैया की तरह डोलने वाली।

उसने कनाडा जाने के लिए अंग्रेजी (IELTS) का एग्जाम दिया। इसमें नंबरों की मार्किंग बैंड से होती है। विदेश जाने के लिए इस तरह की परीक्षा पास करना जरूरी है। बीन्त परीक्षा पास कर गई, लेकिन हमारे लाडो के नंबर नहीं आ सके।

हमने खेत का बड़ा टुकड़ा बेचकर 35 लाख रुपए जुटाए और बीन्त को अगस्त 2019 में कनाडा भेज दिया। बस, यहीं से कहानी बदल गई। हरदम हंसकर बात करने वाली उस लड़की ने लाडो का फोन उठाना बंद कर दिया। जब वो बार-बार फोन करता तो झल्लाती हुई एक लाइन लिखती- यहां बहुत काम रहता है। मैंनू चैन से जीने दे। कभी वो पढ़ाई करती होती, कभी ट्रैवल, कभी काम। सब हो जाए तो सोने का वक्त हो जाता। दोनों जगहों के टाइम-जोन में भी फर्क था। लाडो के गट्टियां (आंखें धंसना) पड़ गईं।

तो आपने कुछ किया क्यों नहीं? मेरे सवाल पर बिदककर कहते हैं- करते तब, जब कुछ पता लगता! लाडो ने पता ही नहीं लगने दिया। मौत के बाद जब पोस्टमार्टम हुआ, तब पता चला कि उसने जहर खाया था। उधर लड़की का फोन लग नहीं रहा था। उसके घरवाले चुप्पी साधे हुए थे। लाडो का फोन खुलवाया तो पता लगा कि महीनों से सब कुछ बिगड़ा हुआ था।

वो लंबे-लंबे लेख (चाचा पंजाबी लहजे में चैट को लेख कह रहे थे) लिखा करता। बीन्त जवाब तक नहीं देती। या देती भी तो हां-हूं से ज्यादा नहीं। यहां तक कि लाडो गिड़गिड़ाते हुए उससे ये तक कहने लगा कि कनाडा भले न बुलाए, लेकिन रिश्ता न तोड़े। पर उसे ‘कनाडा की हवा’ लग गई थी। चैट में ही लाडो ने सुसाइड की बात कही तो उधर से अंगूठे का निशान आ गया। जिसे लवप्रीत सह नहीं सका!

हरविंदर लवप्रीत और उनकी पत्नी के बीच का चैट दिखाते हैं। लाल-गुलाबी दिल और मुस्कान, लेकिन एकतरफा। युवक ने अपनी पत्नी का नाम ‘माई क्वीन’ लिखकर सेव कर रखा था।

इतना प्यार करने वाले पति को उस लड़की ने क्या नाम दिया होगा, ये जानने की इच्छा दबाती हुई मैं एक बार फिर लवप्रीत के पिता की तरफ मुड़ती हूं। वे दोबारा रो पड़ते हैं। आंसू पोंछते हुए ही कहते हैं- लाडो की मां डिप्रेशन में रहती है। इकलौता बेटा चला गया। दवा खाती है और टाइमपास (वक्त काटना) करती है।

‘टाइमपास’ टर्म पंजाब के दोनों जिलों (बठिंडा और बरनाला) में कई बार सुनाई पड़ा। उन पतियों से, जिनकी बीवियां गायब हो गईं। उन मांओं से जिनके बेटे शादीशुदा होकर भी अकेले हैं। उन पिताओं से भी, जिन्होंने कनाडा के पंजाबी ख्वाब के लिए अपने खेत, जमीनें बेच दीं।

प्रतीकात्मक फोटो।

बठिंडा जिले के कोठे बकरियां वालां गांव के एक परिवार ने IELTS देकर ‘तड़-तड़ अंग्रेजी बोलती’ अपनी बहू पर तकरीबन 65 लाख रुपए लगा दिए।

‘सपना था कि कुड़ी बेटे को भी साथ ले जाएगी। हम मिट्टी में मिट्टी हो गए। उसे नहीं होने देना है। यही सोच रखा था, लेकिन कहां पता था वो ऐसी निकलेगी।’ नाम-चेहरा न दिखाने की शर्त पर बकरियां वालां का पीड़ित परिवार बताता है- बहू ने न पैसे लौटाए, न बेटे को बुलाया।

इंसाफ क्यों नहीं मांगते?

पीड़ित युवक के पिता झटके में कहते हैं- हमें नहीं चाहिए कुछ। बस बेटा लवप्रीत की तरह जहर न खा ले! वे कैमरे पर बोलने से साफ मना कर देते हैं। बेटे से मिलवाने को भी राजी नहीं। डर है कि जख्म ताजा हो जाएगा।

हमारा अगला पड़ाव है गांव बल्लों, जो रामपुर फूल तहसील में आता है। करीब 5 हजार बाशिंदों के इस गांव के खेत तो हरे-भरे हैं, लेकिन दिलों की हरियाली सूख रही है। ‘भतेरे (कई) मुझ जैसे लड़के हैं यहां जी!’ हरविंदर सिंह कहते हैं, ‘जिनकी पत्नी पैसे लेकर कनाडा में खो गई।’

शाम ढल रही थी, जब वो हमसे मिलने पहुंचे। हाथ जानवरों को लगाने वाली दवा से नीले पड़े हुए। पहले वे हाथ दिखाते हैं, फिर अपनी कहानी कहने लगते हैं। अप्रैल 2019 में शादी हुई। लड़की के बैंड (कनाडा में स्टडी के लिए अंग्रेजी नंबर) ठीक आए, मेरे नहीं आ सके। सो मैंने कुछ खेत बेचा, कुछ मेहनत से जमा किया और भेज दिया कुड़ी को सात समंदर पार।

हरविंदर की ये फोटो तब की है जब वो पत्नी को कनाडा जाने के लिए एयरपोर्ट तक छोड़ने गए थे। आज भी उन्होंने ये फोटो संभाल कर रखा है। करीब दो साल पहले की ये तस्वीर है।

जब वो गई तो मैं दिल्ली एयरपोर्ट तक उसे छोड़ने गया था। मेरी आंख भर-भर आती, वो मुस्कुरा रही थी। तसल्ली दे रही थी कि जल्दी तुझे भी बुला लूंगी। बताते हुए हरविंदर एयरपोर्ट के सामने खड़ी तस्वीर दिखाते हैं। लड़की के साथ दो बैग रखे हैं, जिन पर परमानेंट मार्कर से उसका नाम लिखा हुआ है। वो निशानी, जो पहली दफा बाहर जाने वाले रखते हैं कि विदेशी एयरपोर्ट पर सामान खो न जाए। साथ में लंबे-चौड़े हरविंदर खड़े हैं। आंखों में उदासी, लेकिन उम्मीद भी।

मैं पूछती हूं- जब आसपास लगातार धोखा होता देख रहे थे, तो आपने लिखा-पढ़ी क्यों नहीं की?

नुकीली मूंछों पर ताव देते हुए वे बोल पड़ते हैं- पंजाब में हम मूंछ का बाल गिरवी रखकर महाजन से पैसे उधार लेते थे। इतनी कीमत थी हमारी बात की। कहां जानते थे कि वक्त ऐसे बदलेगा। और वो भी कुड़ियां!

एक बार ऐंबैसी से वीजा इंटरव्यू के लिए फोन भी आया था। मैं पहुंचा, लेकिन कई सवालों के जवाब नहीं दे सका, जो मेरी पत्नी से जुड़े थे। कनाडियन अफसर अड़ गए कि तुम पति-पत्नी के बीच ताल्लुकात नहीं। हम तुम्हें अपने देश नहीं बुला सकते।

हरविंदर के पास ढेरों बातें हैं, जो वो पंजाबी मिली हिंदी में बताते हैं। वे परेशान हैं कि बाकी जीवन इंतजार में जाएगा। निकलते हुए कहते हैं- शादी नहीं रखनी, न रखे। पैसे नहीं देने, न सही। तलाक ही दे दे!

कानूनी कार्रवाई नहीं की?

FIR करवाई थी, जब लड़की के परिवार ने घर में घुसकर धमकी दी थी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। बताते हुए वे मुझे FIR की कॉपी भी देते हैं। यहां बता दें कि खुदकुशी कर चुके युवक लवप्रीत की फैमिली ने भी मरने के लिए उकसाने (धारा 306) और धोखाधड़ी (धारा 420) का चार्ज लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन सालभर बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।

गली सुबह मैं बठिंडा के अजीत रोड पर हूं। वो रोड, जो बिना फ्लाइट, बिना जहाज सीधे कनाडा जाता है।

सड़क के दोनों ओर IELTS कोचिंग और स्टडी वीजा दिलवाने का दावा करते इंस्टीट्यूट्स हैं। उपलब्धियों की लिस्ट लगी है कि उनके यहां के कितने बच्चों ने अंग्रेजी परीक्षा पास की। गलियों में पेइंग गेस्ट के विज्ञापन हैं। कहीं-कहीं ब्यूटी सैलून हैं, जो विदेश जाते बच्चों का हुलिया सुधारते हैं। ये बात खुद एक वीजा काउंसलर ने ऑफ रिकॉर्ड बताई। 15 अगस्त को भी इन इंस्टीट्यूट्स में काम हो रहा है।

वीजा काउंसलर आरती बताती हैं कि अभी सीजन चल रहा है। सीजन यानी 12वीं पास या ग्रेजुएशन कर चुके बच्चों के रिजल्ट आ चुके हैं। अब वे अंग्रेजी पढ़ेंगे ताकि स्टडी वीजा मिल जाए।

थोड़ी मान-मनौवल के बाद आरती इंटरव्यू के लिए राजी हो जाती हैं, लेकिन चेहरा न दिखाने की शर्त पर। वे बताती हैं- बच्चों को कुछ और नहीं बनना, बस कनाडा जाना है। यहां तक कि पेरेंट्स तक का यही हाल है। वो फीस जमा करते हुए कहते हैं कि बच्चे को ज्यादा से ज्यादा रटाओ ताकि वो जल्दी कनाडा चला जाए।

कनाडा ही क्यों? मैं पूछती हूं।

क्योंकि वहां का इमिग्रेशन रूल ढीला है। परमानेंट रेजिडेंसी जल्दी मिल जाती है। फिर वहां तकरीबन हर घर से कोई न कोई है। बच्चा जाएगा तो रिश्तेदारी में रहेगा। सेफ रहेगा। पढ़ाई खत्म करते ही लोग नागरिकता के लिए अप्लाई कर देते हैं, फिर चाहे ट्रक चलानी पड़े या झाड़ू-पोंछा करना पड़े।

क्या लड़कियां जल्दी अंग्रेजी सीख लेती हैं? आरती तपाक से कहती हैं- सीखने का तो नहीं पता, लेकिन वो ज्यादा सिंसिअर होती हैं। यहां एडमिशन लेते ही पेरेंट्स लड़का खोजना शुरू कर देते हैं। ऐसा परिवार जो शादी और कनाडा जाने के पैसे लगा सके। बदले में वो लड़के को भी वहां बुलाने का वादा करते हैं।

ये अलग बात है कि पहुंचने के बाद कुड़ी पति को भूल जाती है। पता नहीं कनाडा की हवा में ऐसा क्या है! हंसते हुए आरती कह रही हैं।

नाम-चेहरा छिपाने की शर्त पर अंग्रेजी पढ़ाने वाले एक टीचर ने बताया कि उनका इंस्टीट्यूट अब मैरिज ब्यूरो बन गया है। लड़कों के घरवाले आते हैं और पढ़ने में तेज लड़की से मिलवाने की फरमाइश करते हैं, ताकि वे अपने ‘मुंडे नूं’ बात चला सकें। बदले में हमें कमीशन देने तक का लालच दे डालते हैं।

तब आप क्या करते हैं? हम समझाते हैं कि बेगानी कुड़ी पर पैसे लगाने की बजाय वे अपने लड़के को पढ़ाएं। भले ही दो के छह महीने हो जाएं, लेकिन एक बार IELTS में ठीक स्कोर आ जाए तो अपने-आप लड़का कनाडा चला जाएगा।

लौटते हुए मेरी नजर अजीत रोड के साइनबोर्ड पर पड़ती है। पंजाबी और अंग्रेजी में लिखा ये बोर्ड भले धुंधला हो गया हो, लेकिन सड़क की रौनक लगातार बढ़ रही है।

सौजन्य : दैनिक भास्कर


Share
test

Filed Under: International Perspectives, Stories & Articles

Primary Sidebar

News

India celebrates 74th Republic Day on Kartavya Path

January 27, 2023 By News Bureau

ਖੇਤੀ ਫੀਡਰ ਸੋਲਰ ’ਤੇ ਚਲਾਓ, ਸਬਸਿਡੀ ਖਰਚਾ ਘਟਾਓ!

January 27, 2023 By News Bureau

ਸੰਵਿਧਾਨ ਨਿਰਮਾਤਾਵਾਂ ਦਾ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀਕੋਣ ਗਣਤੰਤਰ ਲਈ ਮਾਰਗਦਰਸ਼ਕ: ਮੁਰਮੂ

January 27, 2023 By News Bureau

पंजाब में मोहल्ला क्लिनिकों पर भड़के लोग

January 27, 2023 By News Bureau

पंजाब के 3 युवा बच्चे हैं जिन्हें वीर नाल पुरस्कार से नवाजा गया

January 27, 2023 By News Bureau

Areas of Study

  • Governance & Politics
  • International Perspectives
  • National Perspectives
  • Social & Cultural Studies
  • Religious Studies

Featured Article

The story of Sahibzada Zorawar Singh and Sahibzada Fateh Singh

December 25, 2022 By Jaibans Singh

Jaibans Singh Some acts and deeds are so profound that they change the course of history! One such is the martyrdom of the two younger sons of the tenth master of the Sikhs, Guru Gobind Singh Ji! The young and innocent boys, Sahibzada (Prince) Zorawar Singh and Sahibzada Fateh Singh attained martyrdom on 26, December, […]

Academics

‘सिंघसूरमा लेखमाला’ धर्मरक्षक वीरव्रति खालसा पंथ – भाग-10 – भाग-11

सिंघसूरमा लेखमाला धर्मरक्षक वीरव्रति खालसा पंथ – भाग-10 विजयी सैन्य शक्ति के प्रतीक ‘पांच प्यारे’ और पांच ‘ककार’ नरेंद्र सहगल श्रीगुरु गोविंदसिंह द्वारा स्थापित ‘खालसा पंथ’ किसी एक प्रांत, जाति या भाषा का दल अथवा पंथ नहीं था। यह तो संपूर्ण भारत एवं भारतीयता के सुरक्षा कवच के रूप में तैयार की गई खालसा फौज […]

‘सिंघसूरमा लेखमाला’ धर्मरक्षक वीरव्रति खालसा पंथ – भाग-8 – भाग-9

सिंघसूरमा लेखमाला धर्मरक्षक वीरव्रति खालसा पंथ – भाग-8 अमृत शक्ति-पुत्रों का वीरव्रति सैन्य संगठन नरेंद्र सहगल संपूर्ण भारत को ‘दारुल इस्लाम’ इस्लामिक मुल्क बनाने के उद्देश्य से मुगल शासकों द्वारा किए गए और किए जा रहे घोर अत्याचारों को देखकर दशम् गुरु श्रीगुरु गोविंदसिंह ने सोए हुए हिंदू समाज में क्षात्रधर्म का जाग्रण करके एक […]

‘सिंघसूरमा लेखमाला’ धर्मरक्षक वीरव्रति खालसा पंथ – भाग-6 – भाग-7

सिंघसूरमा लेखमाला धर्मरक्षक वीरव्रति खालसा पंथ – भाग-6 श्रीगुरु गोबिन्दसिंह का जीवनोद्देश्य धर्म की स्थापना, अधर्म का नाश नरेंद्र सहगल ‘हिन्द दी चादर’ अर्थात भारतवर्ष का सुरक्षा कवच सिख साम्प्रदाय के नवम् गुरु श्रीगुरु तेगबहादुर ने हिन्दुत्व अर्थात भारतीय जीवन पद्यति, सांस्कृतिक धरोहर एवं स्वधर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान देकर मुगलिया दहशतगर्दी को […]

Twitter Feed

The Punjab Pulse Follow

The Punjab Pulse is an independent, non-partisan think tank engaged in research and in-depth study of all aspects the impact the state of Punjab and Punjabis

ThePunjabPulse
Retweet on Twitter The Punjab Pulse Retweeted
salam0786786 salam Islam Khan π  @salam0786786 ·
27 Jan

कल का सबसे खूबसूरत वीडियो अब आप लोगो की जिम्मेदारी की सभी तक पंहुचा दे 🌹🙏
Follow please @Gausiyasalam 👈👈
https://twitter.com/i/spaces/1mrxmkLjmAgGy

Reply on Twitter 1618867969223954432 Retweet on Twitter 1618867969223954432 260 Like on Twitter 1618867969223954432 1218 Twitter 1618867969223954432
Retweet on Twitter The Punjab Pulse Retweeted
the_rebal55 ਬਾਗੀ 🏴‍☠️ @the_rebal55 ·
27 Jan

ਕਈਆਂ ਦੇ ਮਿਰਚਾਂ ਲੱਗਣੀਆ ਹੁਣ 💥 ਭਾਈ ਅੰਮਿ੍ਤਪਾਲ ਸਿੰਘ ਨੂੰ ਵਾਹਿਗੁਰੂ ਜੀ ਚੜਦੀ ਕਲਾ ਵਿੱਚ ਰੱਖਣ ਨੌਜਵਾਨਾਂ ਨੂੰ ਬੇਨਤੀ ਆ ਭਾਈ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਸਾਥ ਦਿਉ ਤੇ ਬੰਦੀ ਸਿੰਘਾ ਦੀ ਰਿਹਾਈ ਲਈ ਆਵਾਜ਼ ਉਠਾਓ @warispunjabde #ਬੰਦੀਸਿੰਘਰਿਹਾਕਰੋ #FreeSikhPrisoners #Sikhs #sikhsovereignty #Pakka_Morcha #BandiSinghRehaKaro

Reply on Twitter 1618867167319175171 Retweet on Twitter 1618867167319175171 36 Like on Twitter 1618867167319175171 162 Twitter 1618867167319175171
Retweet on Twitter The Punjab Pulse Retweeted
ourindiafirst19 India First @ourindiafirst19 ·
27 Jan

भारत ने बनाई दुनिया की पहली इंट्रानेजल कोविड वैक्सीन,

स्वदेशी वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन iNCOVACC हुई लॉन्च !

Reply on Twitter 1618858168049881094 Retweet on Twitter 1618858168049881094 6 Like on Twitter 1618858168049881094 27 Twitter 1618858168049881094
Load More

EMAIL NEWSLETTER

Signup to receive regular updates and to hear what's going on with us.

  • Email
  • Facebook
  • Phone
  • Twitter
  • YouTube

TAGS

Academics Activities Agriculture Areas of Study Books & Publications Communism Conferences & Seminars Discussions Governance & Politics Icons of Punjab International Perspectives National Perspectives News Religious Studies Resources Social & Cultural Studies Stories & Articles Uncategorized Videos

Footer

About Us

The Punjab Pulse is an independent, non-partisan think tank engaged in research and in-depth study of all aspects the impact the state of Punjab and Punjabis at large. It strives to provide a platform for a wide ranging dialogue that promotes the interest of the state and its peoples.

Read more

Follow Us

  • Email
  • Facebook
  • Phone
  • Twitter
  • YouTube

Copyright © 2023 · The Punjab Pulse

Developed by Web Apps Interactive