मेरठ(उत्तर प्रदेश) के पास लोइया गांव में शबी अहमद के खेत से एक कुत्ता किसी मानव अंग को लेकर भाग रहा था। कुत्ते को मानव अंग लेकर भागते हुए ईश्वर पंडित ने देखा और उन्हें शक हुआ। पुलिस को सूचना दी गयी। पुलिस ने आकर शबी अहमद के खेत की खुदाई की तो एक लाश मिली। लाश किसी महिला की थी जिसका सिर और दोनों हाथ गायब थे। पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाया और हत्यारे की खोजबीन शुरु कर दी।हत्यारे को पकड़ना इतना आसान न था क्योंकि लाश का सिर गायब था। इसलिए उस लाश की शिनाख्त भी नहीं हो सकती थी।
गांव के आसपास ऐसी कोई महिला गायब भी नहीं थी जिसकी हत्या पर शक जाता हो , तब वहां के एस एस पी साहनी ने एक तरक़ीब सोची,उन्होंने सोचा हो न हो लड़की कहीं बाहर से गांव में लाई गई है।गांव में कोई कुछ बताने को तैयार न था। एसएसपी साहनी ने तय किया कि गांव के जितने भी लड़के गाँव से बाहर नौकरी करते हैं वहां जाकर छानबीन की जाए। वहां के सभी थानों से संपर्क करके पता किया जाए कि क्या वहां किसी लड़की के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज है ?* एसएसपी साहनी की ये योजना काम कर गयी और पंजाब में लुधियाना से एक 23 वर्षीय युवती के गायब होने की सूचना मिली।
लुधियाना के मोतीनगर थाने में इस युवती के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज थी जो कि बी.कॉम द्वितीय वर्ष की छात्र थी। इसके बाद पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए जो जांच पड़ताल की उससे जो कहानी निकलकर सामने आयी वो इस प्रकार है।एकता देशवाल संभ्रांत और आधुनिक परिवार की लड़की थी जो बी.कॉम द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। और वहीं उससे टकराया शाकिब अहमद।
शाकिब वहां नौकरी करता था लेकिन उसने अपना काम और पहचान दोनों एकता से छिपाई। उसने एकता को अपना नाम “अमन” बताया। उसे अपने प्रेम जाल में ऐसा फंसाया कि एकता उसके लिए कुछ भी करने को तैयार हो गयी। अमन ने उससे कहा कि वह घर से गहने लेकर आ जाए और वो लोग वहां से कहीं दूर जाकर नई जिन्दगी शुरु करेंगे। वह अमन के झांसे में आ गयी और करीब 25 लाख कीमत के गहने और नकद लेकर वह घर से फरार हो गयी। अमन उसे लेकर सीधा मेरठ के दौराला पहुंचा जो कि एक कस्बा है। वहां किराये पर एक कमरा लेकर दोनों करीब एक महीने तक रहे।
इसके बाद ईद के मुबारक मौके पर अमन उसे लेकर अपने घर आ गया जहां एकता को उसकी असलियत सामने आयी कि वो अमन नहीं बल्कि शाकिब है। अमन का भांडा फूटते ही एकता को बड़ा झटका लगा। ईद के दिन दोनों में दिनभर झगड़ा होता रहा। शाकिब अब समझ गया कि अब इसे रास्ते से हटाने का समय आ गया है। बिना उसे रास्ते से हटाये 25 लाख के गहने उसके नहीं होंगे! और उसका लव जेहाद का मकसद भी पूरा नही होगा ! कही लड़की भाग गई तो भांडा भी फूट जाएगा और 25 लाख का घाटा हो जाएगा।
इसलिए शाकिब ने ईद की उसी रात उसके हत्या की योजना बनाई। ईद की रात उसने एकता को कोल्डड्रिंक में नशीली दवा पिलाकर बेहोश कर दिया। इसके बाद उसी बेहोशी की हालत में वह कुछ शांतिदूत समुदाय के दोस्तों और अपने परिवार के लोगो के साथ मिलकर खेत पर ले गया जहां शाकिब ने बेहोशी की हालत में अल्लाह हु अकबर की तकबीर के साथ एकता की गला काटकर हत्या कर दी।गला काटने के बाद उसके दोनों हाथ भी काट दिये गये क्योंकि एकता ने अपने एक हाथ पर अपना नाम और दूसरे पर अपने प्यार “अमन” का नाम गुदवा रखा था।*
शाकिब को शक था कि अगर पुलिस को ये सबूत मिल गया तो भांडा फूट सकता है। लेकिन अमन गलत साबित हुआ। सालभर लगे लेकिन उसका भांडा फूटा। आज उस सिर कटी लाश के रहस्य से पर्दा उठ चुका है और शाकिब अपने दोस्तों और परिवार के कुछ लोगो सहित पुलिस की गिरफ्त में है. इस वीडियो में एकता देशवाल के मां-बाप हैं और वीडियो में जो सामने टेबल कपड़ों में लपेटकर रखा गया है यह वही फावड़ा है जिससे गड्ढा खोदकर एकता की सिरकटी लाश को दफन किया गया था।
ताजा खुलासा ये है कि एकता की हत्या में शाकिब का भाई मुस्सरत, पिता मुस्तकीम, भाभी रेशमा और इस्मत की पत्नी मुस्सरत भी शामिल थे। सब ने मिलकर उस मासूम लड़की को पहले नंगा किया। फिर उसके दोनों हाथ काटे। सिर काटा। और हाथ और सिर को पास के तालाब में फेंक दिया।सिर कटी लाश को जमीन में दफन कर दिया। किसलिए ? इंतहा तो ये है कि इसके बाद भी शाकिब एकता का मोबाइल आपरेट करता रहा।उसका फेसबुक एकाउण्ट चलाता रहा। एकता बनकर वह एकता के घरवालों को मैसेज की रिप्लाई भी करता रहा और घरवालों को लगता रहा कि बेटी भागकर जरूर गयी है लेकिन अमन के साथ खुश है!
लेकिन 20 मई को जब पहली बार पुलिस का फोन आया तो सच्चाई सामने आयी। अब कर भी क्या सकते हैं? बेटी हाथ से जा चुकी है। सामने है तो कफन में लिपटा वो सीलबंद फावड़ा जिससे उनके बेटी की कब्र खोदी गयी थी।‘’
साभार _हरेन्द्र पाल सिंह जाटव एडवोकेट सिविल कोर्ट अलीगढ़
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