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राष्ट्रनायक मंगल पाण्डे

April 8, 2022 By Guest Author

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राम गोपाल

Top 8 motivational & inspirational quotes by Mangal Pandey

8 अप्रैल, प्रथम भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रदूत मंगल पांडे जी के शहीदी दिवस पर शत शत नमन। मंगल पाण्डेय का जन्म 19 जुलाई 1827 को वर्तमान उत्तर प्रदेश, जो उन दिनों संयुक्त प्रान्त आगरा व अवध के नाम से जाना जाता था, के बलिया जिले में स्थित नागवा गाँव में हुआ था। भारत की आजादी की पहली लड़ाई अर्थात् 1857 के विद्रोह की शुरुआत मंगल पाण्डेय से हुई जब गाय व सुअर कि चर्बी लगे कारतूस लेने से मना करने पर उन्होंने विरोध जताया था ।इसके परिणाम स्वरूप उनके हथियार छीन लिये जाने व वर्दी उतार लेने का फौजी हुक्म हुआ।

29 मार्च 1857 को उनकी राइफल छीनने के लिये आगे बढे अंग्रेज अफसर मेजर ह्यूसन पर आक्रमण कर दिया। आक्रमण करने से पूर्व उन्होंने अपने अन्य साथियों से उनका साथ देने का आह्वान भी किया था किन्तु कोर्ट मार्शल के डर से जब किसी ने भी उनका साथ नहीं दिया तो उन्होंने अपनी ही रायफल से उस मेजर ह्यूसन को मौत के घाट उतार दिया जो उनकी वर्दी उतारने और रायफल छीनने को आगे आया था।

Mangal Pandey 193rd Birth Anniversary Today Know More Interesting Facts  About Him - मंगल पांडेय की 193वीं जयंती, वो महानायक जिसे फांसी देने के लिए  जल्लाद भी तैयार नहीं थे - Amar

इसके बाद विद्रोही मंगल पाण्डेय को अंग्रेज सिपाहियों ने पकड लिया। उन पर कोर्ट मार्शल द्वारा मुकदमा चलाकर 6 अप्रैल 1857 को मौत की सजा सुना दी गयी। कोर्ट मार्शल के अनुसार उन्हें 18 अप्रैल 1857 को फाँसी दी जानी थी परन्तु इस निर्णय की प्रतिक्रिया कहीं विकराल रूप न ले ले, इसी कूट रणनीति के तहत क्रूर ब्रिटिश सरकार ने मंगल पाण्डेय को निर्धारित तिथि से दस दिन पूर्व ही 8 अप्रैल 1857 को फाँसी पर लटका कर मार डाला।

मंगल पाण्डेय द्वारा लगायी गयी विद्रोह की यह चिन्गारी बुझी नहीं । एक महीने बाद ही 10 मई 1857 को मेरठ की छावनी में बगावत हो गयी। यह विप्लव देखते ही देखते पूरे उत्तरी भारत में फैल गया जिससे अंग्रेजों को स्पष्ट संदेश मिल गया कि अब भारत पर राज्य करना उतना आसान नहीं है।

यह स्वतंत्रता संग्राम लाखों भारतीयों को निर्दयता पूर्वक मारकर  कुचल दिया गया था । मगर मंगल पांडे के बलिदान ने देशवाशियों के दिल में आजादी की चाहत पैदा कर दी थी. जो कि 90 वर्ष बाद पूरी हुई।


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