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अश्विन मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से आरंभ होने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। इस बार शारदीय नवरात्रि 07 अक्टूबर 2021 दिन गुरुवार यानी आज से आरंभ हो चुकी है
पौराणिक कथा
दैत्य गुरु शुक्राचार्य के कहने पर दैत्यों ने घोर तपस्या कर ब्रह्माजी को प्रसन्न किया और वर मांगा कि उन्हें कोई पुरुष, जानवर और उनके शस्त्र न मार सकें।
वरदान मिलते ही असुर अत्याचार करने लगे, तब देवताओं की रक्षा के लिए ब्रह्माजी ने वरदान का भेद बताते हुए बताया कि असुरों का नाश अब स्त्री शक्ति ही कर सकती है।
ब्रह्माजी के निर्देश पर देवों ने 9 दिनों तक मां पार्वती को प्रसन्न किया और उनसे असुरों के संहार का वचन लिया। असुरों के संहार के लिए देवी ने रौद्र रूप धारण किया था इसीलिए शारदीय नवरात्र शक्ति-पर्व के रूप में मनाया जाता है।
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते।
वैज्ञानिक कारण
यदि इस पर्व को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो दोनों नवरात्र ऋतु संधिकाल में आते हैं यानी जब दो ऋतुओं का समागम होता है। उस दौरान शरीर में वात, पित्त, कफ का समायोजन घट बढ़ जाता है। रोग प्रतिरोधक तंत्र कमजोर हो जाता है। ऐसे में इम्यून सिस्टम मजबूत करने के लिए नौ दिन माता के पूजन व व्रत करके अनुशासनयुक्त जीवन जीने से शरीर की साफ सफाई होती है। ध्यान से मन की शुद्धि होती है और हवन से वातावरण शुद्ध होता है और हमारी इम्यूनिटी बढ़ती है।
शारदीय नवरात्रि महापर्व की आप सभी सभी को हार्दिक शुभकामनाएं और आशीर्वाद मातारानी सदा आप सभी पर कृपा बनाए रखे ।
शारदीय नवरात्रि
शारदीय नवरात्रि 07 अक्टूबर 2021 दिन गुरुवार से चित्रा नक्षत्र वैधृति योग में प्रारम्भ हो रही है। नवरात्रि में सप्तमी तिथि मंगलावार को पड़ने के कारण देवी का आगमन घोड़े पर होगा। शुक्रवार की दशमी तिथि होने के कारण देवी का प्रस्थान हाथी पर होगा। यह नवरात्रि प्रकृति की मौलिक शक्ति की आराधना के साथ जन-जन में शक्ति एवं ऊर्जा का संचार करने वाला पवित्र पक्ष है।
07 अक्टूबर को दिन में 03 बजकर 28 मिनट तक आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि रहेगी। अतः शाम को द्वितीया का चन्द्र-दर्शन तुला राशि में होगा। चन्द्रमा अपनी उच्च राशि में होने के कारण वृष एवं तुला राशि वालों के लिए अति फलदायक रहेगा।
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य दीपक जी के अनुसार, इस नवरात्रि में सप्तमी तिथि मंगलवार को पड़ने के कारण देवी का आगमन “तुरंग”अर्थात् घोड़े पर होगा, जो अशुभकारक है। महाअष्टमी का मान, व्रत एवं पूजन तथा महानिशा की पूजा 13 अक्टूबर बुधवार को सर्वमान्य है। मंगलवार की रात्रि 01:48 बजे अष्टमी लगेगी, जो बुधवार की रात्रि 11:48 बजे तक रहेगी, अतः पूजन हेतु अष्टमी की रात्रि कलश रखने का समय बुधवार 13 अक्टूबर की रात्रि 11:18 बजे से रात 12:06 बजे के मध्य होगा।
महानवमी 14 अक्टूबर गुरुवार को होगी। नवरात्रि समाप्ति से सम्बंधित हवन-पूजन, कन्या पूजन 14 अक्टूबर गुरुवार को रात्रि 9:52 बजे तक नवमी पर्यंत किया जायेगा। नवरात्रि व्रत का पारण 15 अक्टूबर शुक्रवार को प्रातःकाल होगा।
विजयादशमी (दशहरा) का पर्व
विजयादशमी (दशहरा) का पर्व 15 अक्टूबर दिन शुक्रवार को मान्य होगा। इसी दिन दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन श्रवण नक्षत्र युक्त दशमी तिथि में अति शुभ होगा। शुक्रवार की दशमी तिथि होने के कारण देवी का प्रस्थान गज अर्थात् हाथी पर होगा, जो शुभफलकारी होने के साथ उत्तम वर्षा का संकेत है।
चित्रा नक्षत्र एवं वैधृति योग नवरात्रि आरंभ के कलश-स्थापन हेतु वर्जित कहा गया है। अतः 07 अक्टूबर को कलश-स्थापन के लिए अभिजित मुहूर्त ज्योतिष शास्त्र में सर्वोत्तम माना गया है। इस मुहूर्त में उपस्थित अनेक दोषों का स्वतः नाश हो जाता है।
यह अभिजित मुहूर्त दिन में 11:37 बजे से दिन में ही 12:23 बजे तक है। इसी समय के अंदर कलश-स्थापन शुभ होगा। इसके अतिरिक्त यदि कोई प्रातःकाल कलश स्थापना करना चाहे तो प्रातः कलश-स्थापन मुहूर्त 6:54 बजे से 9:14 बजे के बीच तुला लग्न में कर सकता है।
शारदीय नवरात्रि शक्ति के नौ स्वरूपों का प्रतीक होता है। वर्षा ऋतु का गमन एवं शरद ऋतु का आगमन होने से यह स्वास्थ्य की दृष्टि से संक्रमण काल होता है। अतः नौ दिन व्रत-पूजा, नियम-संयम के माध्यम से ऊर्जा का संचयन कर नई शक्ति प्राप्त करने का दिव्य समय होता है।
श्री दुर्गा सप्तशती में स्वयं दुर्गा भगवती ने कहा है- “जो शरद काल की नवरात्रि में मेरी पूजा-आराधना तथा मेरे तीनों चरित्र का श्रद्धा पूर्वक पाठ करता है एवं नवरात्रि पर्यंत व्रत रहते हुए तप करता है, वह समस्त बाधाओं से मुक्त होकर धन-धान्य से समपन्न हो यश का भागीदार बन जाता है, इसमें किंचित संशय नहीं है।
शक्ति संचय और आत्मचेतना की जागृति के महापर्व नवरात्रि की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
आदिशक्ति माँ दुर्गा सभी की मनोकामनाएं पूर्ण कर सबके जीवन में सुख, समृद्धि व उत्तम स्वास्थ्य का शुभाशीष दें।
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