• Skip to main content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • Home
  • About Us
  • Contact Us

The Punjab Pulse

Centre for Socio-Cultural Studies

  • Areas of Study
    • Social & Cultural Studies
    • Religious Studies
    • Governance & Politics
    • National Perspectives
    • International Perspectives
    • Communism
  • Activities
    • Conferences & Seminars
    • Discussions
  • News
  • Resources
    • Books & Publications
    • Book Reviews
  • Icons of Punjab
  • Videos
  • Academics
  • Agriculture
  • General

पंजाब चुनाव में कितना अहम रविदासिया और रामदासियां दलित समुदाय, किसे मिलेगा फायदा?

January 21, 2022 By Guest Author

Share

Punjab Election 2022 Why Ravidasia Ramdasia Balmikis Ad dharmis Dalits  matter in Assembly election CM Charanjeet singh channi | Punjab Election  2022: पंजाब चुनाव में कितना अहम रविदासिया और रामदासियां दलित ...

पंजाब में दूसरा सबसे बड़ा समुदाय होने के बावजूद, रविदासिया और रामदासियां ​​हमेशा से पंजाब में राजनीतिक परिदृश्य पर हावी रहे हैं. रामदासिया समुदाय से ताल्लुक रखने वाले चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने से एक बार फिर इस समुदाय को फिर से राजनीतिक केंद्र में लाया गया है.

21 जनवरी, 2022 – पंजाब में विधानसभा चुनाव अगले महीने होने वाले हैं और ऐसे में राजनीतिक दलों की ओर से मतदाताओं को लुभाने की कोशिश जारी है. राज्य में दलित समाज की बात करें तो उनका अपना कोई एक सिंगल बेस नहीं है और यहां पर 31.9% आबादी होने के बावजूद 39 अलग-अलग समुदायों में विभाजित हैं.

मजहबी सिख, दलितों में सबसे अधिक 26.33 प्रतिशत के साथ, सबसे बड़े समूह का गठन करते हैं, जिसके बाद रविदासिया और रामदासियां ​​हैं, जो एक साथ 20.76% के करीब है. अ-धर्मियों और बाल्मीकि समुदाय की आबादी क्रमशः 10.17% और 8.6% है.

2011 की जनगणना के अनुसार, पंजाब में चमार समुदाय (विभिन्न उप-समुदायों में विभाजित) के 30,95,324 लोग थे. इनमें से 10,17,192 अ-धर्मी थे और 20,78,132 ने अपनी पहचान रामदासियों और रविदासियों के रूप में की थी. जबकि 1,443,079 सिख रामदसिया और 6,29,157 हिंदू रामदसिया तथा रविदासिया थे.

guru ravidass ji birthday 2022: पंजाब में रविदास जयंति के दो दिन पहले था  चुनाव लेकिन टाला गया, जानें पंजाब में दलित वोट बैंक इतना अहम क्यों: Punjab  me guru ravidass ji

रविदास और रामदासियां का दबदबा

इंडिया टुडे के अनुसार, राज्य में दूसरा सबसे बड़ा समुदाय होने के बावजूद, रविदासिया और रामदासियां ​​हमेशा से पंजाब में राजनीतिक परिदृश्य पर हावी रहे हैं. रामदासिया समुदाय से ताल्लुक रखने वाले चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने से एक बार फिर इस समुदाय को फिर से राजनीतिक केंद्र में लाया गया है.

बहुजन समाज पार्टी का गठन करने वाले स्वर्गीय कांशी राम भी रामदसिया समुदाय से ही आते थे. वह पंजाब के रूपनगर जिले से थे, जो मालवा क्षेत्र का एक हिस्सा है. रामदसिया समुदाय के अन्य लोकप्रिय नेता हैं लाल सिंह दिल (कवि), शमशेर सिंह दुल्लो, हरिंदर सिंह खालसा और भान सिंह भौरा.

हालांकि, रामदासियों का सिख धर्म के अलावा भी एक अलग धर्म है. जालंधर में डेरा सचखंड बालान रविदासिया समुदाय से संबंधित हैं, लेकिन इसके अनुयायी रामदसिया समुदाय के भी हैं. हालांकि, कई दलित समुदायों ने अपना धर्म शुरू करने के बाद इस डेरे का अनुसरण करना बंद कर दिया है.

डेरे के लाखों अनुयायी हैं क्योंकि यह दोआबा क्षेत्र में स्थित है जहां दलित आबादी 40% तक है. हर साल, डेरा मंदिरों के शहर वाराणसी में तीर्थयात्रा का आयोजन करता है जिसमें गुरु रविदास की जयंती की पूर्व संध्या पर हजारों अनुयायी भाग लेते हैं.

रविदास की मांग पर पंजाब चुनाव आगे बढ़ा

चूंकि इस साल 16 फरवरी को जयंती है, इसलिए इस संप्रदाय के अनुयायी 14 फरवरी को मतदान की तारीख के रूप में सहज नहीं थे. मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के अनुसार, 10 से 16 फरवरी के बीच लगभग 20 लाख अनुयायियों के वाराणसी आने की उम्मीद है. ऐसे में वे मतदान की तारीख को स्थगित करने की मांग कर रहे थे ताकि वे अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें. इस समुदाय के प्रभाव के कारण ही पंजाब में मतदान की तारीख में बदलाव कर इसे 20 फरवरी तक के लिए टाल दी गई.

मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी डेरा सचखंड बालान के नियमित आगंतुक हैं. उनका दौरा इस डेरा के दलित वोटों को मजबूत करता है. उन्होंने सचखंड बालान में 50 करोड़ रुपये की लागत से गुरु रविदास वाणी अध्ययन केंद्र स्थापित करने की भी घोषणा की है.

दोआबा का प्रभावशाली दलित समुदाय

पंजाब में दलितों की आबादी करीब 31.9% है. तीन सामाजिक-सांस्कृतिक क्षेत्रों, यानी मालवा, दोआबा और माझा में सबसे अधिक दलित आबादी दोआबा में है, जहां राज्य के 40% दलित रहते हैं. दोआबा क्षेत्र के तहत कपूरथला, शहीद भगत सिंह नगर, होशियारपुर और जालंधर के जिले आते हैं.

खास बात यह है कि दोआबा के कुछ गांवों में 65% तक दलित आबादी रहती है. समाजशास्त्र विभाग, जीएचजी इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ फॉर विमेन, लुधियाना द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, दोआबा के 3,000 से अधिक गांवों में दलित आबादी 40% तक है.

इस क्षेत्र के दलित काफी संपन्न हैं क्योंकि वे कई अन्य देशों में चले गए हैं. अध्ययन के अनुसार, जालंधर, होशियारपुर और नवांशहर सहित तीन जिलों में आप्रवासन की संख्या अधिक है. इन क्षेत्रों के दलित शुरू में दुबई चले गए थे, लेकिन बाद में अन्य देशों में भी फैल गए. अध्ययन से पता चला है कि विदेशों में प्रवास करने वाले लगभग 70.83 प्रतिशत दलितों ने दुबई को अपने गंतव्य के रूप में पसंद किया, इसके बाद इंग्लैंड, कनाडा, इटली और जर्मनी का स्थान है.

Punjab Assembly Poll Date Extended By Election Commission - इसलिए टला  मतदान: देश में सबसे अधिक दलित आबादी पंजाब में, 58 विधानसभा सीटों पर प्रभाव  डालता है 32 फीसदी वोट ...

कांग्रेस को दोआबा में बड़ी कामयाबी की उम्मीद

2017 के चुनाव में कांग्रेस को 41% दलित वोट मिले थे, जिसमें 43% दलित हिंदू वोट शामिल थे. दोआबा क्षेत्र में कुल 23 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें से 2017 में कांग्रेस ने 15 सीटें जीती थी. अब चन्नी के सीएम बनने के बाद पार्टी इस बार दलित वोटों के बढ़ने की उम्मीद कर रही है.

कांग्रेस इस क्षेत्र के लिए कुल 23 में से 20 टिकटों की घोषणा पहले ही कर चुकी है. लेकिन दो विधानसभा क्षेत्रों आदमपुर और गरशंकर में बंटवारे ने मुख्यमंत्री को नाराज कर दिया है. कांग्रेस ने आदमपुर सीट पर बसपा के एक दलबदल नेता को टिकट दे दिया, जिससे विवाद हुआ क्योंकि चन्नी के करीबी रिश्तेदार मोहिंदर सिंह केपी, जो 2017 का विधानसभा चुनाव हार गए थे, को टिकट नहीं दिया गया.

मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी गरशंकर से निमिषा मेहता के टिकट के लिए दांव लगा रहे थे, जहां से अब अमरप्रीत सिंह लैली चुनाव लड़ेंगी. निमिषा 2017 में भी उम्मीदवारों में से एक थीं. पार्टी ने टिकट बंटवारे पर कहा कि आदमपुर और बस्सी पठाना में टिकटों को ‘एक परिवार, एक टिकट’ के नियम के अनुसार अस्वीकार कर दिया गया है.

सौजन्य : टीवी 9


Share
test

Filed Under: Governance & Politics, Stories & Articles

Primary Sidebar

More to See

Sri Guru Granth Sahib

August 27, 2022 By Jaibans Singh

ਹੁਸ਼ਿਆਰਪੁਰ ਦੇ ਇਕ ਪਿੰਡ ’ਚੋਂ ਮਿਲੇ ਮਿਜ਼ਾਈਲ ਦੇ ਟੁਕੜੇ

May 10, 2025 By News Bureau

ਪਾਕਿ ਵੱਲੋਂ ਪੰਜਾਬ ਵਿੱਚ ਡਰੋਨ ਹਮਲੇ, ਫ਼ਿਰੋਜ਼ਪੁਰ ’ਚ 3 ਜ਼ਖ਼ਮੀ

May 10, 2025 By News Bureau

Tags

AAP Amritsar Bangladesh BJP CAA Captain Amarinder Singh Capt Amarinder Singh China Congress COVID CPEC Farm Bills FATF General Qamar Bajwa Guru Angad Dev JI Guru Gobind Singh Guru Granth Sahib Guru Nanak Dev Ji Harmandir Sahib Imran Khan Indian Army Indira Gandhi ISI Kartarpur Corridor Kartarpur Sahib Kashmir LAC LeT LOC Maharaja Ranjit Singh Narendra Modi Pakistan PLA POJK President Xi Jinping Prime Minister Narednra Modi PRime Minister Narendra Modi Punjab QUAD RSS SAD SFJ SGPC Sikh Sukhbir Badal

Featured Video

More Posts from this Category

Footer

Text Widget

This is an example of a text widget which can be used to describe a particular service. You can also use other widgets in this location.

Examples of widgets that can be placed here in the footer are a calendar, latest tweets, recent comments, recent posts, search form, tag cloud or more.

Sample Link.

Recent

  • Any future terror attack will be treated as an act of war, India warns Pakistan
  • ਹੁਸ਼ਿਆਰਪੁਰ ਦੇ ਇਕ ਪਿੰਡ ’ਚੋਂ ਮਿਲੇ ਮਿਜ਼ਾਈਲ ਦੇ ਟੁਕੜੇ
  • ਪਾਕਿ ਵੱਲੋਂ ਪੰਜਾਬ ਵਿੱਚ ਡਰੋਨ ਹਮਲੇ, ਫ਼ਿਰੋਜ਼ਪੁਰ ’ਚ 3 ਜ਼ਖ਼ਮੀ
  • India-Pak Tensions: ਦੇਸ਼ ’ਚ ਪੈਟਰੋਲ/ਡੀਜ਼ਲ ਦੀ ਕੋਈ ਕਮੀ ਨਹੀਂ: ਤੇਲ ਕੰਪਨੀਆਂ ਦਾ ਜਨਤਾ ਨੂੰ ਭਰੋਸਾ
  • ਸਰਕਾਰ ਵੱਲੋਂ ਵਪਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਜ਼ਰੂਰੀ ਵਸਤਾਂ ਦੀ ਜ਼ਖ਼ੀਰੇਬਾਜ਼ੀ ਖ਼ਿਲਾਫ਼ ਚੇਤਾਵਨੀ

Search

Tags

AAP Amritsar Bangladesh BJP CAA Captain Amarinder Singh Capt Amarinder Singh China Congress COVID CPEC Farm Bills FATF General Qamar Bajwa Guru Angad Dev JI Guru Gobind Singh Guru Granth Sahib Guru Nanak Dev Ji Harmandir Sahib Imran Khan Indian Army Indira Gandhi ISI Kartarpur Corridor Kartarpur Sahib Kashmir LAC LeT LOC Maharaja Ranjit Singh Narendra Modi Pakistan PLA POJK President Xi Jinping Prime Minister Narednra Modi PRime Minister Narendra Modi Punjab QUAD RSS SAD SFJ SGPC Sikh Sukhbir Badal

Copyright © 2025 · The Punjab Pulse

Developed by Web Apps Interactive