• Skip to main content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • Home
  • About Us
  • Contact Us

The Punjab Pulse

Centre for Socio-Cultural Studies

  • Areas of Study
    • Social & Cultural Studies
    • Religious Studies
    • Governance & Politics
    • National Perspectives
    • International Perspectives
    • Communism
  • Activities
    • Conferences & Seminars
    • Discussions
  • News
  • Resources
    • Books & Publications
    • Book Reviews
  • Icons of Punjab
  • Videos
  • Academics
  • Agriculture
  • General

कृषि कानून – विरोध के उतर

January 24, 2021 By News Bureau

Share

Punjab Pulse Bureau Report

मोदी सरकार ने जो तीन क़ृषि कानून पास  किये है उनका किसानों  द्वारा विरोध किया जा रहा है। किसानों द्वारा विरोध क्यों किया जा रहा है इसे जानने से पहले हम जान लेते है के ये 3 कानून कहते क्या है या सरकार द्वारा इन कानूनों मे क्या प्रावधान  किये गए है I

पहला कानून– ये किसानों को अपनी फसल को देश के किसी भी हिस्से मे बेचने की छूट देता है।

दूसरा कानून — ये कानून  कहता है के कंपनिया और किसान पहले से ही फसल की कीमत तय कर कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग कर सकते है।

तीसरा कानून — इस कानून मे बड़े व्यापारी या कंपनिया को छूट दे दी गयी है की वो फसलों का (एसेंर्शयल फसले ) कितना भी भण्डारण कर सकते है।

विरोध  1 – सरकार ने बड़ी इन कानूनों को किसान कानून का नाम दिया है ।जब के ये कानून बड़े व्यपारियो के भले के लिए बनाया गया है। इन कानूनों से 5- 7 साल बाद  किसानों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा। ये कानून किसानों का शोषण कैसे करेंगे

उतर : झूठ फैलाने वालो की चालाकी देखिये वे कहते है की सरकार ने कानून तो बनाया है व्यापाररयों के लिए| इस कानून के अंतरगत किसान अपनी फसल देश में कही भी बेच सकता है| यही कानून सरकार द्वारा बनाया गया है| पर मोदी विरोधी यह बता रहें है के कानून केवल व्यपारियो के लिए है| अरे भाई व्यापारी तो अपना सामान पहले से ही जी.एस.टी. के अधीन भारत में कही भी बेच सकते है| ये कानून तो केवल किसान के लिए ही है| किसान की फसल  बढ़िया है तो  उसका मूल्य MSP से भी ज्यादा मिल रहा है| अब किसान को मज़बूरी वश केवल आढती को फसल बेचना बाध्य नही होगा || उदहारण देता हूII पंजाब में व्यापारी मध्यप्रदेश की लाल कनक (गेंहू) 2600 रुपए पप्रति क्वांटल बेच रहा है पर पंजाब में msp 1800 रुपए है| मध्यप्रदेश के किसान को जो फ़ायदा हो रहा है वही लाभ अब पंजाब का  किसान भी ले सकता है| अब हमें ही प्रचार करना है यह कानून अच्छे है या नही |

विरोध  2: दूसरे कानून मे कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की छूट दी गयी है। मान लीजिए कोई बिस्कुट बनाने वाली कंपनी किसान से समझौता करती है की आप अपनी जमीन पर गेहूं उगाओ मैं आपको इतनी कीमत दे दूंगा। किसान भी राजी राजी समझौता कर लेगा, हो सकता है किसान को क़ृषि मंडियों से फसल की कीमत शुरुआत मे ज्यादा भी मिले। जब किसान को कीमत ज्यादा मिलने लगेगी तो किसान अपनी फसल को क़ृषि मंडियों मे बेचने क्यों लेकर जायेगा। इससे होगा ये की क़ृषि मंडियों मे बैठे आढ़तिये धीरे धीरे अपनी दुकाने बंद कर चले जाएंगे और क़ृषि मंडिया बंद होने लगेंगी। जब कोई मंडी फसल बेचने ही नही जायेगा मंडी बंद हो जाएगी। फसल बेचने के लिए केवल बड़ी कम्पनियो  और व्यापारी पर ही निर्भर हो जायेगा।

उतर  मोदी विरोधियों का दुसरे बिल पर विचार और उदाहरण तो आपने उपर लिखा, पढ़ ही लिया होगा | अब  कानून की सच्चाई क्या है उसको समझिए| मान लीजिये आपकी एक बेकरी है जिसमे आप बिस्किट बनाते है| तो कल आपको कोई बिस्कुट खरीदने का आर्डर देता है| उसमे से आप 20% अडवांस (साई) ले लेते है| यदि अब बिस्कुट खरीदने वाला बीच में ही आर्डर cancel कर देता है तो बाकि 80% के लिए आप क्लेम नही कर सकते| परन्तु इस दुसरे कानून के अंतर्गत किसान व व्यापरी के मध्य फसल का जो कॉन्ट्रैक्ट होगा व्यापारी को हर कीमत पर वो अदा करना ही पड़ेगा| इस दुसरे कानून में सरकार किसान को यह हक देती है की किसान अपनी शर्तों पर व्यापारियों के साथ समझोता कर सकता है| दूसरा इन मोदी विरोधियों ने कहा की किसान  5 – 7 वर्ष में व्यापारी पर निर्भर हो जाएंगें | विषय यह है किसानो की फसल बढिया होंगी तो व्यापारी ही उल्टे किसान पर निर्भर हो जायेगें | सच्चाई यह है की पंजाब के जाट अपने लिए तो यूरिया रहित कनक बीजते हैं परन्तु मंडी में बेचने के लिए यूरिया वाली| इसका परिणाम पंजाब की धरती गेहूं नही केंसर उत्पन्न करने लग गयी है| बठिंडा(मालवा) में तो स्पेशल केंसर की ट्रेन चल रही है| फिर कनक को पंजाब में जाटों की सरकार (कांग्रेस और अकाली) 2 रुपए किलो में नीले कार्ड वाले sc/bc (गरीब) को वोटों की खातिर दे देती है विचार कीजिये गुरुओं की पावन धरती पर कैसा जुल्म ये प्रदेश सरकार कर रही है?

विरोध  3:  वही तीसरा कानून जो व्यापारियों को फसलों के भण्डारण करने की छूट देता है उससे बिस्कुट कम्पनी अपने पास फसलों का 5-7 वर्षो मे अधिक मात्रा मे भण्डारण कर लेगी| जिससे बिस्कुट कंपनी 5-7 वर्षो बाद  किसानों से जब कॉन्ट्रैक्ट करेगी तो वो कहेगी की मैं तो इतनी कीमत दे सकता हूं फसल की| तुम्हे कॉन्ट्रैक्ट करना है तो करो| क्योंकि बिस्कुट कंपनी ने अपने पास पहले ही अधिक मात्रा मे भण्डारण कर रखा है वो 5- 7 वर्ष फसल नहीं खरीदेगा तब भी बिस्कुट कंपनी चलती रहेगी| लेकिन किसान बेचारा क्या करेगा क़ृषि मंडी तो पहले ही बंद हो चुकी होंगी। इससे प्रभाव ये होगा की किसान को मजबूरी मे आकर सस्ती कीमतों पर ही उस बिस्कुट कंपनी से अपनी फसल को बेचने का समझौता करना पड़ेगा। इस तरीके से बड़ी कम्पनिया और व्यापारी किसानों का शोषण करना शुरू कर देंगे।

उतर : तीसरे कानून के बारे में मोदी विरोधी क्या कहतें है| बिस्कुट बनाने वाली कम्पनी अनाज स्टॉक कर लेगी| अब इन किसानों को ये कौण समझायें की बिस्कुट बनाने वाली कंपनी को क्या पता नही, की बिस्कुट कितने समय बाद खराब हो जायेंगे| फसल तो साल में इक बार ही आती है इसका मतलब है की व्यापारी उतना ही अनाज स्टोक करेगा जितना की नई फसल आने तक बेच सके| और अब इस तीसरे कानून में सरकार ने किसान व व्यापारी दोनों को अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार स्टॉक करने का अधिकार दिया है| इस कानून के बनने से जो किसान अच्छी क्वालिटी की फसल पैदा करते है तो व्यापारी उस उत्तम क्वालिटी की फसल को विदेशों में भी एक्सपोर्ट कर सकता है| पहले सरकार द्वारा नियोजित भण्डारण कंपनियां अन्नदाता की दिन रात की कड़ी मेहनत से उपजा हुआ अनाज ख़राब होने पर शराब बनाने वाली फेक्टरियों को बेचा देती थी| अब जो किसान अच्छी उपज पैदा करेगा उसकी उपज व्यापारी बढ़िया दाम से भारत और विदेश में बेच सकेगा| इससे व्यापारी और किसान दोनों को लाभ होगा| लाभ की खातिर व्यापारी अच्छी फसल पैदा करने वाले किसान पर निर्भर हो जायेंगे| अब जिन किसानो को व्यापारी अच्छा मूल्य नही देते वे ही अपनी फसल MSP पर मंडियों में बेच सकते है| इसलिए सरकार ने ये कानून किसानो के उज्जवल भविष्य के लिए बनाया है| अब विचार आपको करना है की कानून सही है या गलत|

विरोध  4: **वही जब किसान और कम्पनी के बीच किसी प्रकार का विवाद होता है तो किसान कोर्ट मैं कंपनी के सामने कैसे टिक पायेगा। भारत में कोर्ट निर्णय लेने में कितना समय लेता है और भ्रष्टाचार कितना होता है ये सब तो आप जानते ही है। किसान खेती करेगा या कोर्ट मे धक्के खायेगा।

उतर :  इसलिए सरकार ने S.D.M. के पास केस ले जाने के लिए कहा था| लेकिन मोदी विरोधियों ने मांग कर और कानून बनवा रहे है की इसके फैसले का अधिकार कोर्ट के पास जाये| किसानों को यह नही पता की किसान कोर्ट को कुछ नही कह सकते लेकिन SDM पर लोकल पंचायत या किसी दुसरे दबाव द्वारा न्याय जल्दी करवा सकते है। कंपनी धोखा करने का प्रयास करे, समझोते के अनुसार SDM द्वारा उसका निपटारा तुरंत प्रभाव से किया जा सकता है|

विरोध  5: वही जो क़ृषि मंडी के आढ़तिये होते है किसानो  के लिए मिनी बैंक की तरह काम करते है। किसान को जब अपनी किसी जरूरत के लिए रुपयों की जरुरत होती है तो किसान इन मंडियों के आढ़तियों से उधार ले लेते है जिसके लिए किसानो को कोई कागजी कारवाही नहीं करनी पडती। बैंको की कागजी कारवाही इतनी लम्बी होती है की किसानो को लोन नहीं मिल पाता है। ये क़ृषि मंडिया किसानों को आसान तरीके से लोन भी उपलब्ध करा देती है। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से क़ृषि मंडिया बंद हो जाएगी जिससे किसानो को लोन जैसी सुविधाओं के लिए बैंको पर निर्भर होना पड़ेगा और बैंक तो किसान की ज़मीन को पहले गिरवी रखेगा फिर लोन देगा।

उतर : सरकार तो यह चाहती है की फसल का रेट ज्यादा मिले इससे किसान की बचत हो सके | अब  मोदी विरोधीओ को मै उदहारण देता हूँI सरकार ने किसान को फसल बेचने के दो अधिकार दिये है किसी भी व्यापारी को या मंडी में| अगर फसल बढ़िया है तो महंगे दाम पर देश के किसी भी कोने में फसल को बेचा जा सकता है| और इन बुद्धि से पैदल लोगो को ये भी नही पता की खुले माल (अनाज, सरसों) को बेचने पर GST तो लगता ही नही| तो फसल महँगी कैसे हो सकती है| ये सब भ्रम फैलाकर भोले-भले किसानो को गुमराह किया जा रहा है| किसान यूनियन ने उत्तर प्रदेश से आये अनाज के ट्रक पकडे थे, अगर बेचना महंगा होता तो उत्तर-प्रदेश के किसान फसल को पंजाब में बेचने के लिए क्यों आते|

विरोध  6: वही भारत मे सीमान्त और लघु किसान (कम ज़मीन वाले किसान ) ज्यादा है अब इस किसान की पैदावार इतनी होती ही नहीं की वो दूसरे राज्यों मे जाकर अपनी फसल को बेचे क्योंकि इससे ट्रांसपोर्ट की लागत अधिक हो जाती है। उदाहरण के लिए जयपुर का किसान हरियाणा मे अपनी फसल को बेचने के लिए लेकर जायेगा तो ट्रांसपोर्ट लागत और अन्य टैक्स इतने अधिक हो जाते है की किसान के लिए दूसरे राज्यों में अपनी फसल बेचना फायदे का सौदा नहीं होता है ।

उतर : अब मोदी विरोधीओको यह नही पता आप लघु उधोग की बात करतें है उनका मॉल तो ट्रेडर्स के द्वारा बेचा जाता है| किसान की बात चल रही है जो कार्य ट्रेडर्स कर रहा है वहीं काम आढ़त कर ही रहा है| अगर किसान की फसल बढ़िया होगी तो व्यापारी उसे लाभ की खातिर हर भाव में खरीदेगा| इसे भाई साहिब “मेक इन इंडिया” कहतें है  | |

विरोध  6: पहला कानून जो किसानों को अपनी फसल कही भी बेचने की छूट देता है इससे किसानो को कोई फायदा नहीं मिलने वाला है। 5-7 वर्षो बाद होगा ये की क़ृषि मंडिया बंद हो जाएंगी और किसान बड़े व्यापारीयों, कम्पनीयों को सस्ते दामों पर अपनी फसल बेचने के लिए मजबूर हो जायेगा। इससे भारत का गरीब किसान और भी गरीब होता चला जायेगा।

उतर: अब मोदी विरोधियो को कौण समझाए की 5-7 वर्षों में किसान गरीब नही बल्कि किसान की इनकम इतनी ज्यादा बढ़ जाएगी, की किसान व्यापारियों की तरह मांग करेगा की हमे बिजली फ्री नही चाहिए बल्कि 24 घन्टे चाहिए| जब किसान को इस बात की समझ आ जायेगी की उत्तम क्वालिटी की फसल की कीमत MSP से भी कई गुना अधिक मूल्यों पर बिकेगी| तो किसान की इनकम के साथ साथ व्यापारी की इनकम भी बढेगी| इस प्रकार 5-7 वर्षों में व्यापारी लाभ कमाने हेतु पूरी तरह किसान पर निर्भर हो जाएगा । इस तरह से इन दोनों का लाभ ही नही बल्कि समाज को भी लाभ मिलेगा| समाज में यूरिया के कारण पैदा होने वाली बिमारियों से भी निजात होगी।

अतः मेरा निवेदन देश के हर व्यक्ति से है चाहे वो किसान है या नहीं| अन्नदाता का कर्ज उतारने का वक़्त आ गया।सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे किसानों के प्रश्न ओर बिल के समर्थन में उतर  को हम सबको सोशन मीडया पर शेयर करना चाहिए । इस पर विचार भारतीय समाज कर सकें ।

“जय जवान जय किसान”

Prepared by-

Sanjeev Kumar & Manjit Singh


Share
test

Filed Under: Agriculture, Stories & Articles

Primary Sidebar

More to See

Sri Guru Granth Sahib

August 27, 2022 By Jaibans Singh

Missile part found in Punjab’s border village; sparks panic, villagers say ‘explosion heard’

May 8, 2025 By News Bureau

India destroys Air Defence System at Lahore

May 8, 2025 By News Bureau

Tags

AAP Amritsar Bangladesh BJP CAA Captain Amarinder Singh Capt Amarinder Singh China Congress COVID CPEC Farm Bills FATF General Qamar Bajwa Guru Angad Dev JI Guru Gobind Singh Guru Granth Sahib Guru Nanak Dev Ji Harmandir Sahib Imran Khan Indian Army Indira Gandhi ISI Kartarpur Corridor Kartarpur Sahib Kashmir LAC LeT LOC Maharaja Ranjit Singh Narendra Modi Pakistan PLA POJK President Xi Jinping Prime Minister Narednra Modi PRime Minister Narendra Modi Punjab QUAD RSS SAD SFJ SGPC Sikh Sukhbir Badal

Featured Video

More Posts from this Category

Footer

Text Widget

This is an example of a text widget which can be used to describe a particular service. You can also use other widgets in this location.

Examples of widgets that can be placed here in the footer are a calendar, latest tweets, recent comments, recent posts, search form, tag cloud or more.

Sample Link.

Recent

  • ਅੱਤਵਾਦ ਦੀ ਰੋਕਥਾਮ ਲਈ ਵਚਨਬੱਧਤਾ
  • Missile part found in Punjab’s border village; sparks panic, villagers say ‘explosion heard’
  • India destroys Air Defence System at Lahore
  • ਆਪ੍ਰੇਸ਼ਨ ਸਿੰਦੂਰ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਪੰਜਾਬ ਦਾ ਮਾਹੌਲ
  • ਕੇਂਦਰੀ ਗ੍ਰਹਿ ਮੰਤਰਾਲੇ ਵੱਲੋਂ ਅਗਲੇ ਹੁਕਮਾਂ ਤੱਕ ਕਰਤਾਰਪੁਰ ਲਾਂਘਾ ਬੰਦ

Search

Tags

AAP Amritsar Bangladesh BJP CAA Captain Amarinder Singh Capt Amarinder Singh China Congress COVID CPEC Farm Bills FATF General Qamar Bajwa Guru Angad Dev JI Guru Gobind Singh Guru Granth Sahib Guru Nanak Dev Ji Harmandir Sahib Imran Khan Indian Army Indira Gandhi ISI Kartarpur Corridor Kartarpur Sahib Kashmir LAC LeT LOC Maharaja Ranjit Singh Narendra Modi Pakistan PLA POJK President Xi Jinping Prime Minister Narednra Modi PRime Minister Narendra Modi Punjab QUAD RSS SAD SFJ SGPC Sikh Sukhbir Badal

Copyright © 2025 · The Punjab Pulse

Developed by Web Apps Interactive