• Skip to main content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • Home
  • About Us
  • Contact Us

The Punjab Pulse

Centre for Socio-Cultural Studies

  • Areas of Study
    • Maharaja Ranjit Singh
    • Social & Cultural Studies
    • Religious Studies
    • Governance & Politics
    • National Perspectives
    • International Perspectives
    • Communism
  • Activities
    • Conferences & Seminars
    • Discussions
  • News
  • Resources
    • Books & Publications
    • Book Reviews
  • Icons of Punjab
  • Videos
  • Academics
  • Agriculture
  • General

पंजाब – अधिक सावधानी और सतर्कता की आवश्यकता

March 24, 2023 By Guest Author

Share

 अवधेश कुमार

पंजाब में अमृतपाल एवं उसके साथियों के विरुद्ध कार्रवाई से पूरे देश ने राहत महसूस किया है। अमृतपाल के चाचा सहित उसके प्रमुख साथियों को मिलाकर डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है । इसे पूरी तरह दुरुस्त आयद न कहें देर आयद कह सकते हैं । पिछले करीब 6 महीने से अमृतपाल की गतिविधियों ने पूरे पंजाब और वहां नजर रखने वाले सभी को भयभीत कर दिया था। अमृतपाल की हरकतों को पहले ही सख्ती से रोक दिया जाता तो नौबत यहां तक नहीं आती। उस पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी एनएसए लगाकर लुकआउट सर्कुलर जारी करना पड़ा है। हरियाणा एवं पंजाब उच्च न्यायालय की तीखी टिप्पणियां मुख्यमंत्री भगवंत मान सहित पंजाब सरकार एवं आम आदमी पार्टी को भले नागवार गुजर रही हो किंतु सच्चाई तो यही है। न्यायालय ने पूछा है कि आखिर 80 बजार पुलिस क्या कर रही थी? वास्तव में 23 फरवरी को अमृतसर जिले के अजनाला थाने का पूरा दृश्य आतंकित करने वाला था। हजारों लोग जिस तरह थाने को बंधक बनाकर पुलिस वालों पर ईंट पत्थर बरसा रहे थे उस पर पहली नजर में यकीन करना कठिन था। ऐसा नहीं है कि अमृतपाल के साथियों के भारी संख्या में पहुंचने और उधम मचाने की सूचना खुफिया एजेंसियों को नहीं थी। पंजाब सरकार ने खतरे को देखते हुए भी कार्रवाई से बचने की खतरनाक आत्मघाती प्रवृत्ति अपनाई थी। पूरे देश को आश्चर्य हुआ जब थाने पर हमले के बाद पुलिस ने तूफान सिंह को रिहा करने की घोषणा कर दी जिस पर अपहरण कर मारपीट करने का आरोप था। हालांकि बाद में वह न्यायालय के आदेश से ही रिहा हुआ पर पुलिस ने उसकी जमानत का विरोध नहीं किया। स्थानीय वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का बयान था कि अमृतपाल ने जो जानकारी दी उसके अनुसार तूफान सिंह घटनास्थल पर था ही नहीं। यानी पुलिस के लिए अमृतपाल के साक्ष्य मान्य हो गए थे।

ध्यान रखिए वर्तमान कार्रवाई मुख्यमंत्री भगवान सिंह मान की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद हो रही है। इसका अर्थ बताने की आवश्यकता नहीं । पुलिस की वर्तमान चुस्ती और सख्ती बताती है कि पहले भी ऐसा हो सकता था।

जम्मू कश्मीर के बाद पंजाब ऐसा सीमावर्ती राज्य है जहां हिंसा व अलगाववाद ने पूरे देश को लंबे समय तक दहलाया है। आतंकवाद ने वहां 70 हजार से ज्यादा लोगों की जानें ली है। सीमा पार पाकिस्तान से हो रहे षड्यंत्रों एवं अमेरिका यूरोप सहित अन्य देशों से अलगाववादियों मिल रहे सहयोग का ध्यान रखते हुए भगवंत मान सरकार की पहली प्राथमिकता सुरक्षा व्यवस्था ही होनी चाहिए थी। सरकार के व्यवहार से ऐसा कभी झलका नहीं। पूरे देश ने देखा जब खालिस्तानी झंडा लिए लोग सड़कों पर नारे लगा रहे हैं और पुलिस उन्हें सुरक्षा दे रही है। इससे अलगाववादियों – आतंकवादियों सहित पूरी दुनिया में भारत विरोधियों का हौसला बढ़ा होगा। अमृतपाल पिछले वर्ष सितंबर में दुबई से आया और धीरे-धीरे वह इतनी बड़ी हैसियत प्राप्त कर गया तो क्यों? पंजाब के आम लोगों को तो पता था कि वहां स्थिति बिगड़ रही है। क्या सरकार को इसका आभास नहीं था?

यह संभव नहीं कि प्रदेश और केंद्र की सुरक्षा एजेंसियों ने आप सरकार के मुखिया और शिर्ष पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों को पंजाब के अंदर और बाहर की गतिविधियों से सूचित नहीं किया होगा। विचार करने वाली बात है कि एक ट्रक ड्राइवर अमृतपाल अचानक दुबई से पंजाब लौटता है और धीरे-धीरे हीरो बन जाता है। उसके बोलने का अंदाज, उसकी तर्क शैली आदि स्पष्ट बता रहा था कि उसे पूरी तरह तैयार करके पंजाब भेजा गया। कहा जा रहा है कि वह आनंदपुर टास्क फोर्स बना रहा था। पंजाब पर काम करने वाले जानते हैं कि 1973 में आनंदपुर साहिब प्रस्ताव से ही वर्तमान खालिस्तान आंदोलन को हवा मिली थी। इसमें पंजाब को स्वायत्त प्रदेश बनाने की मांग की गई थी। इसमें रक्षा, विदेश नीति, संचार और मुद्रा को छोड़कर सारी शक्तियां राज्य को देने की मांग की गई थी। 24 जुलाई 1985 को पंजाब में उदारवादी लोकप्रिय संत हरचरण सिंह लोंगोवाल एवं राजीव गांधी के बीच समझौता हुआ जिसमें पंजाब की स्वच्छता की बात नहीं थी। उग्रवादियों ने संत लोगोंवाल की एक गुरुद्वारे में ही हत्या कर दी।

अमृतपाल के पीछे की शक्तियों ने पंजाब को उसी तरह के आग में झोंकने के षड्यंत्र के तहत ही उसे दुबई से भेजा होगा। उसने योजनाबद्ध तरीके से पंजाब में नशे के विरुद्ध समाज की सोच पर फोकस किया और जगह-जगह नशा मुक्ति केंद्र खोला। इसमें युवाओं को साथ जोड़कर उसने अलग-अलग तरह के कार्यक्रम कराए। युवा उसकी ओर आते गए। नशा विरोधी अभियान के साथ बारिश पंजाब द  के संगठन पर उसका नियंत्रण बहुत कुछ कह रहा था। उसके साथ आए युवाओं ने ऐसी हरकतें करनी शुरू की जो कानून के राज में सहन नहीं किया जाना चाहिए। वे सिगरेट पीने से लेकर तंबाकू सेवन करने वाले को सरेआम मारते पीटते थे। अमृतसर में निहंगों ने एक युवक को पीट-पीटकर मार डाला। नशा मुक्ति केंद्र अमृतपाल के लिए निजी सेना तैयार करने का स्थान बन गया। अमृतपाल के कार्यक्रम जगह-जगह लोगों में डर पैदा कर रहे थे क्योंकि उनके साथी हिंसा, तोड़फोड़ और हंगामे के पर्याय बन बन गए थे। इसी महीने आनंदपुर में कनाडा से निहंग बनने आए एक युवक को निहंगों द्वारा मार डालने की खबर आई क्योंकि वह उन्हें हुल्लड़बाजी से रोकने की कोशिश कर रहा था। एक समय था जब किसी निहंग को देख कर लोग अपनी सुरक्षा को लेकर निश्चिंत हो जाते थे। अब स्थिति बदल चुकी है।

वास्तव में पंजाब की स्थिति बिल्कुल चिंताजनक है। अमृतपाल का पकड़ा जाना इसलिए आवश्यक है क्योंकि उससे पता चलेगा कि देश और विदेश की कौन शक्तियां उसके पीछे हैं। किंतु पंजाब की स्थिति संभालने के लिए इसके साथ काफी कुछ किए जाने की आवश्यकता है। आखिर भगवंत सिंह मान के द्वारा खाली की गई संगरूर लोकसभा सीट से खालिस्तान समर्थक सिमरनजीत सिंह मान की जीत क्यों हुई? वह पंजाब के अंदर उभर रहे खतरनाक मनोवृति की ही परिणति थी। कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियां दिल्ली से लेकर पंजाब एवं देश के बाहर अमेरिका, कनाडा , ब्रिटेन आदि में साफ दिखाई पड़ रही थी। संगरूर चुनाव प्रचार के बीच आ रहे समाचारों से साफ लग रहा था कि मान को जिताने की पूरी कोशिश हो रही है। आम विश्लेषण यही है कि पंजाब को में नए सिरे से अलगाववाद व हिंसा चाहने वालों ने माना कि सिमरनजीत सिंह मान उम्र के इस पड़ाव पर नेतृत्व देने में सक्षम नहीं हो सकते। इसी से अमृतपाल सिंह की हैसियत बड़ी। जरनैल सिंह भिंडरावाले को भी उभरने में समय लगा था जबकि अमृतपाल दुबई से आने के दो – ढाई महीने के अंदर ही इस धारा का जाना – पहचाना और प्रभावी चेहरा बन गया। यह सब यूं ही तो नहीं हो सकता। अमृतपाल को पहले रोक देते तो उसके साथ युवाओं की इतनी बड़ी फौज नहीं खड़ी होती। हजारों युवक और आम लोग अगर उसके विचारों से प्रभावित हो चुके हैं तो उन सबको मुख्यधारा में कैसे लाया जाएगा यह बड़ा प्रश्न पंजाब के समक्ष खड़ा है। भगवंत मान सरकार अभी तक स्थिर पुलिस महानिदेशक की नियुक्ति नहीं कर पायी है। अभी तक तदर्थ नियुक्ति से काम चलाया जा रहा है। यह स्थिति बदलनी चाहिए। जब तक प्रौपर नियुक्त पुलिस महानिदेशक नहीं होगा पुलिस को सही नेतृत्व नहीं मिल सकता।

अमृतपाल के उभार एवं वर्तमान स्थिति से सीख लेकर न केवल भयानक भूल सुधारने बल्कि भविष्य की दृष्टि से पूर्वोपाय करने की आवश्यकता है। वैसे अजनाला में अमृतपाल के लोगों ने जिस तरह पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब को ढाल बनाकर प्रवेश किया उससे पंजाब के अंदर नाराजगी भी है। इस नाराजगी का लाभ सरकार और पंजाब की शांति के लिए कार्यरत सामाजिक – धार्मिक – सांस्कृतिक संगठनों को मिलेगा। पंजाब के बहुसंख्यक लोग न कभी अलगाववाद के साथ थे न हो सकते हैं। किसी भी सरकार के लिए यह बहुत बड़ी ताकत है। किंतु इस ताकत का लाभ तभी मिलेगा जब अलगाववादी,हिंसक, लंपट और हुड़दंग समूहों के प्रति प्रशासन का बर्ताव हमेशा कठोर रहे। तात्कालिक रूप से अमृतपाल और उसके साथियों के विरुद्ध कार्रवाई का असर होगा पर राजनीतिक नेतृत्व की सोच और दिशा बदलने के बाद ही पुलिस प्रशासन पंजाब की दृष्टि से अनुकूल भूमिका निभा सकेगा।


Share
test

Filed Under: Governance & Politics, Stories & Articles

Primary Sidebar

Mahraja Ranjit Singh Portal

Maharaja Ranjit Singh is an icon of Punjab and Punjabis. He is also called Sher-e-Punjab (Lion of Punjab) in view of the respect that is due to him for his bravery and visionary leadership which led to the creation of the Sikh Empire (Sarkaar-e-Khalsa). The Punjab Pulse has dedicated a portal to the study of the Maharaja with the view to understand his life and identify his strengths for emulation in our culture and traditions. The study will emcompass his life, his reign, his associates, his family and all other aspects pertaining to the Sikh Empire.

Go to the Portal

More to See

Sri Guru Granth Sahib

August 27, 2022 By Jaibans Singh

ਦਸਤਾਰ ਤੇ ਗੁਰਬਾਣੀ ਕੰਠ ਦੇ ਮੁਕਾਬਲਿਆ ’ਚ ਬੱਚਿਆ ਨੇ ਦਿਖਾਈ ਲਿਆਕਤ

June 24, 2025 By News Bureau

ਪੰਜਾਬ ‘ਚ ਵਧਿਆ ਕੋਰੋਨਾ

June 24, 2025 By News Bureau

Tags

AAP Amritsar Bangladesh BJP CAA Captain Amarinder Singh Capt Amarinder Singh China Congress COVID CPEC Farm Bills FATF General Qamar Bajwa Guru Angad Dev JI Guru Gobind Singh Guru Granth Sahib Guru Nanak Dev Ji Harmandir Sahib Imran Khan Indian Army ISI Kartarpur Corridor Kartarpur Sahib Kashmir LAC LeT LOC Maharaja Ranjit Singh Narendra Modi operation sindoor Pakistan PLA POJK President Xi Jinping Prime Minister Narednra Modi PRime Minister Narendra Modi Punjab QUAD RSS SAD SFJ SGPC Sikh Sukhbir Badal

Featured Video

More Posts from this Category

Footer

Text Widget

This is an example of a text widget which can be used to describe a particular service. You can also use other widgets in this location.

Examples of widgets that can be placed here in the footer are a calendar, latest tweets, recent comments, recent posts, search form, tag cloud or more.

Sample Link.

Recent

  • ਘਰਾ ਦਾ ਕੂੜਾ ਜੰਗਲ ’ਚ ਸੁੱਟ ਕੇ ਵਾਤਾਵਰਨ ਨੂੰ ਕੀਤਾ ਜਾ ਰਿਹਾ ਪ੍ਰਦੂਸ਼ਿਤ
  • ਦਸਤਾਰ ਤੇ ਗੁਰਬਾਣੀ ਕੰਠ ਦੇ ਮੁਕਾਬਲਿਆ ’ਚ ਬੱਚਿਆ ਨੇ ਦਿਖਾਈ ਲਿਆਕਤ
  • ਪੰਜਾਬ ‘ਚ ਵਧਿਆ ਕੋਰੋਨਾ
  • Israel Iran War : ਭਾਰਤ ‘ਚ ਨਹੀਂ ਹੋਵੇਗੀ ਤੇਲ ਦੀ ਕੋਈ ਕਮੀ
  • Punjab ; आर्मी के गद्दार जवान ने खोले राज

Search

Tags

AAP Amritsar Bangladesh BJP CAA Captain Amarinder Singh Capt Amarinder Singh China Congress COVID CPEC Farm Bills FATF General Qamar Bajwa Guru Angad Dev JI Guru Gobind Singh Guru Granth Sahib Guru Nanak Dev Ji Harmandir Sahib Imran Khan Indian Army ISI Kartarpur Corridor Kartarpur Sahib Kashmir LAC LeT LOC Maharaja Ranjit Singh Narendra Modi operation sindoor Pakistan PLA POJK President Xi Jinping Prime Minister Narednra Modi PRime Minister Narendra Modi Punjab QUAD RSS SAD SFJ SGPC Sikh Sukhbir Badal

Copyright © 2025 · The Punjab Pulse

Developed by Web Apps Interactive